दक्षिण भारतीय सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्री श्रीलीला ने सोशल मीडिया पर अपने लिए बनाए जा रहे AI आधारित डीपफेक कंटेंट के गलत इस्तेमाल को लेकर स्पष्ट रूप से नाराजगी जताई है। उन्होंने बुधवार को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक इमोशनल नोट साझा करते हुए सभी से अपील की कि ऐसे फेक वीडियोज और इमेजेज को बढ़ावा न दें। यह पोस्ट AI तकनीक के इस्तेमाल और उसके दुरुपयोग के बीच के फ़र्क़ पर जोर देता है और दर्शाता है कि टेक्नोलॉजी का उद्देश्य जीवन को आसान बनाना है, न कि किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाना।
श्रीलीला ने लिखा कि AI जनित झूठे और भ्रामक कंटेंट को सोशल मीडिया पर प्रमोट करना गलत है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सही और गलत उपयोग के बीच बड़ा अंतर होता है, और टेक्नोलॉजी का उद्देश्य लोगों की जिंदगी को सरल बनाना है, न कि उनके लिए मुश्किलें और दर्द का कारण बनना।
“प्रत्येक लड़की का सम्मान और गरिमा महत्वपूर्ण”
श्रीलीला ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि दुनिया की हर लड़की — चाहे वह किसी भी पेशे से जुड़ी हो — सम्मान, सुरक्षा और गरिमा की हकदार है। उन्होंने कहा कि फिल्म-उद्योग में काम करने वाली महिलाएं भी उतनी ही सुरक्षित वातावरण की उम्मीद रखती हैं जितनी कि कोई अन्य व्यक्ति रखता है। इस संदर्भ में उन्होंने यह बात भी जोर देकर कही कि सामाजिक रूप से गलत और फर्जी सामग्री फैलाना न केवल अनुचित है बल्कि यह मानसिक और भावनात्मक रूप से भी हानिकारक है।
श्रीलीला ने यह जोड़ते हुए कहा कि वे आमतौर पर अपनी व्यस्त शूटिंग शेड्यूल के कारण सोशल मीडिया पर चल रही AI गतिविधियों से कुछ देर बाद अवगत हुईं। उन्होंने अपने फैंस और शुभचिंतकों का धन्यवाद किया, जिन्होंने उन्हें समय पर इस मुद्दे के बारे में बताया।
सामाजिक मीडिया उपयोगकर्ताओं से अपील
अपने पोस्ट में श्रीलीला ने हाथ जोड़कर सभी से निवेदन किया कि वे AI जनित “नॉन्सेंस” सामग्री का समर्थन न करें। उन्होंने कहा, “मैं सभी सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से हाथ जोड़कर अनुरोध करती हूं कि वे ऐसे AI-जनित झूठे कंटेंट को प्रमोट न करें। टेक्नोलॉजी का उद्देश्य जिंदगी को बेहतर बनाना है, न कि इसे जटिल करना।”
उनका यह संदेश केवल व्यक्तिगत शिकायत नहीं था, बल्कि एक व्यापक सामाजिक संदेश भी था कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर तकनीक का इस्तेमाल करते समय सभी को अधिक ज़िम्मेदार और संवेदनशील व्यवहार अपनाना चाहिए।
AI डीपफेक: एक बढ़ती चुनौती
AI आधारित डीपफेक तकनीक, जिसमें किसी व्यक्ति के चेहरे और आवाज़ को कंप्यूटर जनित तरीकों से असली की तरह दिखाया जा सकता है, आजकल सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। इस तकनीक का सही इस्तेमाल तो सकारात्मक है, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल किसी व्यक्ति की छवि, सम्मान और निजता के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है। कई हस्तियों ने पहले भी इसके खिलाफ आवाज़ उठाई है, और अब श्रीलीला ने भी इस सूची में अपना नाम जोड़ दिया है।
विशेष रूप से जब डीपफेक कंटेंट में अश्लील, भ्रामक या झूठी तस्वीरें और वीडियो शामिल हों, तो इससे प्रभावित व्यक्ति की प्रतिष्ठा पर बुरा असर पड़ सकता है और सामाजिक विचारों पर नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है। ऐसे मामलों में निजता के अधिकार, डिजिटल सुरक्षा और साइबर कानूनों की भूमिका पर भी बहस तेज़ हो रही है।
