तमिलनाडु में ‘जाट’ पर मचा बवाल, बैन की उठी मांग जानिए क्यों मचा है विवाद!

तमिल समर्थक एमडीएमके ने फिल्म पर आरोप लगाया कि इसमें "स्वतंत्रता सेनानियों और सैन्य जनरलों" को खलनायक के रूप में दर्शाया गया है, जो कि "गंभीर रूप से आपत्तिजनक" है। संगठन ने यह संकल्प लिया कि "इस बैठक में यह विशेष रूप से जोर देकर कहा गया कि तमिलनाडु में इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

Sunny deol jaat, jaat movie, jaat movie to be banned, Tamil Nadu, Vaiko-led MDMK, Eelam Tamil freedom movement,

Sunny Deol Jaat : तमिलनाडु में सनी देओल की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म ‘जाट’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) के प्रमुख वाइको के नेतृत्व में पार्टी ने रविवार को यह मांग की कि राज्य में इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाए। पार्टी का आरोप है कि फिल्म में ईलम तमिल स्वतंत्रता संग्राम और लिट्टे (LTTE) को गलत और दुर्भावनापूर्ण तरीके से दिखाया गया है।

एमडीएमके के भीतर मचा घमासान

हालांकि एमडीएमके खुद आंतरिक खींचतान से गुजर रही है। शनिवार को वाइको के पुत्र दुरई वाइको ने पार्टी पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद पार्टी की प्रशासनिक परिषद की अहम बैठक बुलाई गई। इस बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए, जिसमें फिल्म ‘जाट’ के विरोध का प्रस्ताव प्रमुख था। पार्टी सूत्रों ने बैठक में उठे मुद्दों पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया, लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पार्टी के अधिकतर सदस्य दुरई को महासचिव पद पर बनाए रखने के पक्ष में थे।

स्वतंत्रता सेनानियों को बताया आतंकवादी 

पार्टी ने प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से कहा कि फिल्म ‘जाट’ में ईलम तमिल आंदोलन की छवि धूमिल की गई है। प्रस्ताव में आरोप लगाया गया कि “फिल्म में लिट्टे के सदस्यों को निर्दयी और हिंसक आतंकवादी बताया गया है, जबकि वे तमिल ईलम के लिए बलिदान देने वाले सेनानी थे।” एमडीएमके ने कहा कि इस तरह के दृश्य पूरी तरह से असंवेदनशील और अपमानजनक हैं। एमडीएमके ने फिल्म को बैन करने की माँग के साथ-साथ राज्यपाल आर.एन. रवि को हटाए जाने की भी पुरज़ोर मांग की।

यह भी पढ़ें : PM मोदी के दौरे से पहले कानपुर पहुंचे CM योगी आदित्यनाथ, देखेंगे पावर प्लांट और…

पार्टी ने आरोप लगाया कि रवि ने बार-बार राज्य के संवैधानिक दायित्वों की अनदेखी की है। सुप्रीम कोर्ट की आलोचना का हवाला देते हुए, पार्टी ने कहा कि लंबित विधेयकों पर निर्णय में राज्यपाल की निष्क्रियता अस्वीकार्य है। एमडीएमके ने केंद्र सरकार से वक्फ (संशोधन) अधिनियम को भी वापस लेने की अपील की। पार्टी ने घोषणा की कि 26 अप्रैल को इस पूरे मामले को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।

Exit mobile version