बिग बॉस 19 की एक चर्चित कंटेस्टेंट तान्या मित्तल फिर सुर्खियों में हैं — लेकिन इस बार उनकी स्टाइलिस्ट ने उन पर 800 साड़ियों की खरीद के बाद भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है। उनकी स्टाइलिस्ट रिद्धिमा शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट शेयर कर आरोप लगाया कि उन्हें उनकी टीम द्वारा दबाव में रखा जा रहा है और अभी तक उनका बकाया पैसा नहीं मिला। तान्या ने शो की शुरुआत में दावा किया था कि वे करीब 800 साड़ियां अपने साथ घर ले आई थीं और हर दिन अलग‑अलग लुक में दिखने के लिए रोज़ तीन बार साड़ी बदलती थीं।
स्टाइलिस्ट का खुलासा
रिद्धिमा शर्मा ने इंस्टाग्राम स्टोरी में कहा कि उन्होंने तमाम साड़ियां तान्या को भेजी थीं, लेकिन न तो भुगतान मिला है, न ही उनका धन्यवाद तक। उन्होंने लिखा कि उन्होंने आउटफिट्स भेजने के साथ‑साथ पोर्टर के खर्चे तक वहन किए, लेकिन अब उनकी टीम कह रही है कि अगर आउटफिट आज वापस नहीं पहुंचे, तो उन्हें उनकी फीस नहीं मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कई बार फॉलो‑अप किया, लेकिन अब एक हफ्ते से निराशा ही हाथ लगी है। उन्होंने तान्या की टीम से विनम्र निवेदन किया है कि जल्द से जल्द उनका बकाया भुगतान करें।
पहले के दावे — 800 साड़ी और ‘बॉस’ स्टाइल
तान्या ने बिग बॉस में प्रवेश करते समय कहा था कि वह अपनी लक्ज़री लाइफस्टाइल नहीं छोड़ेंगी। उन्होंने दावा किया कि उनके पास 800 से अधिक साड़ियां, ज्वेलरी और एक्सेसरीज़ हैं, और उन्होंने रोज़ तीन साड़ियों के पहनने की योजना बनाई थी। उनके इस दावे ने शो में एक अलग पहचान दी, जहाँ उन्होंने खुद को ‘बॉस’ कहलाना पसंद किया।
विवाद अब खत्म नहीं — सवाल बढ़े
अब यह सवाल उठता है कि अगर साड़ियां वास्तव में थीं, तो क्यों भुगतान रुका है? क्या यह मिसअंडरस्टैंडिंग है — या सचमुच भुगतान से इनकार हो गया है? स्टाइलिस्ट द्वारा लगाए गए आरोपों से तान्या की विश्वसनीयता और पेशेवर रवैये पर भी सवाल उठने लगे हैं। जहाँ एक ओर सोशल‑मीडिया पर फैशन और लाइफस्टाइल के कारण उन्हें सराहना मिली थी, वहीं अब यह भुगतान विवाद उनकी छवि को प्रभावित कर सकता है।
आगे की क्या संभावनाएँ हैं?
- रिद्धिमा शर्मा का दावा है कि उनके पास साड़ियां भेजने और फॉलो‑अप की सबूत मौजूद हैं; अगर वे सार्वजनिक होती हैं, तो ये विवाद और स्पष्ट हो सकता है।
- तान्या मित्तल और उनकी टीम की ओर से इस पर प्रतिक्रिया आने तक यह मामला अनिर्णित रहेगा।
- यह विवाद न केवल व्यक्तिगत भुगतान का है, बल्कि पेशेवर अनुबंधों और भरोसे के मामलों पर भी सवाल खड़ा करता है।
