Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
टीचर की डाट ने बनाया एक्टर Manoj Bajpayee

टीचर की डाट ने बनाया एक्टर Manoj Bajpayee

नई दिल्ली: Bollywood में अपने उम्दा अभिनय के लिए जाने जाने वाले एक्टर मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने अपनी जिंदगी का एक राज लोगों के साथ शेयर किया है। उन्होंने इस बात का खुलासा करते हुए बताया है कि कैसे वे एक एक्टर बने। मनोज बाजपेयी अपने अभिनय का लोहा पहले ही मनवा चुके हैं। मनोज एक ऐसे कलाकार हैं जिनकी अदाकारी और फिल्मों का फैंस को बेसब्री से इंतजार रहता है। भले ही उनकी फिल्म बॉक्स ऑफिस की कसौटी पर खरी न उतरे लेकिन उनके चाहने वालों को मनोज बाजपेयी की एक्टिंग काफी पसंद आती है।

हाल ही में मनोज बाजपेयी और शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) की फिल्म गुलमोहर (Gulmohar) रिलीज हुई है जो लोगों को काफी पसंद आ रही है। गुलमोहर की रिलीज के बाद अपने क्रू के साथ मनोज बाजपेयी सोसाइटी मैगजीन (Society Magazine) के कवर लांच पर पहुंचे थे, जहा पर उन्होंने सोसाइटी अचीवर्स (Society Achievers) के कवर का अनावरण किया। मनोज के अलावा इस कवर लांच के मौके पर फिल्म गुलमोहर के डायरेक्टर राहुल चितेल्ला (Rahul Chittella) अपनी पूरी क्रू के साथ मौजूद थे।


इस मौके पर एक्टर मनोज बाजपेयी ने बचपन की एक बहुत बड़ी बात बताई, जिसके बाद उन्होंने एक्टर बनने का फैसला किया। मनोज बाजपेयी ने कहा कि “मैं बहुत छोटा था, पांचवी या छठवीं क्लास में था और हमारी क्लास से किसी एक को कविता पढ़नी थी। मैं नहीं जानता कि इसके पीछे की वजह, लेकिन मैं बहुत शर्मिला और रिज़र्व स्वभाव का था जो कभी-कभी दीवारों पर कूदता था तो इस पर टीचर ने मुझे ठीक करने की ठानी।


उन्होंने कहा कि इस कविता को सबके सामने तुम्हे पढ़ना होगा। ये कविता श्री हरिवंश राय बच्चन जी की लिखी हुई थी। रोज क्लास खत्म होने के बाद मेरी टीचर मुझे इस तैयारी में मदद करती थी। जब मैंने स्टेज पर इस कविता को पढ़ा उसके बाद लोगों ने मेरी बहुत तारीफ की और तब मुझे लगा कि ये मेरे लिए बना है। मैंने उस दिन ये सोच लिया कि मुझे एक एक्टर बनना हैं जो एक गांव से आता है और एक किसान का बेटा हैं। ये सब ऊपर वाले का करम होता हैं। इसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।”


Exit mobile version