विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ जब रिलीज हुई थी तो उस दौरान इसकी कहानी को लेकर खूब विवाद हुआ था। कहा जा रहा था कि इस फिल्म ने सिर्फ एक ही पक्ष को दिखाया है। इन सबके बावजूद इस फिल्म ने खूब मोटी कमाई की थी। लेकिन एक बार और फिर ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर विवाद गर्मा हो गया है। दरअसल इस्राइल के फिल्मकार नादव लापिड ने इस फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘वल्गर’ कहा है, जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है । तो चलिए जानते है जब ये फिल्म रिलीज हुई तो इसको लेकर कौन-कौन से देशों की क्या- क्या प्रतिक्रिया थी।
न्यूजीलैंड
इस फिल्म को लेकर न्यूजीलैंड के पूर्व उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स ने फिल्म बोर्ड को फेसबुक पोस्ट में लिखा था, कि ‘इस फिल्म को सेंसर करना, न्यूजीलैंड में 15 मार्च वाले अत्याचारों की जानकारी को सेंसर करने के समान होगा।
सिंगापुर
सिंगापुर में तो इस फिल्म को बैन कर दिया गया था। हालांकि बाद में सिंगापुर में इस फिल्म के सेंसर को मंजूरी मिल गई थी।
पाकिस्तान
जब किसी फिल्म की कहानी कश्मीर से जुड़ी हो तो पाकिस्तान का नाम आना तो लाजमी सी बात है। जब ये फिल्म पाकिस्तान में रिलीज हुई तो कुछ लोगों ने कहा कि कश्मीर के लोगों को जैसे जीना है, वैसे उन्हें छोड़ देना चाहिए। तो वहीं दूसरे कुछ लोगों का कहना था कि पूरी दुनिया में मुसलमानों की छवि खराब करने के लिए अब ऐसी फिल्में बनाई जा रही हैं। जो की गलत हैं।
अमेरिका
इस फिल्म को अमेरिका में पसंद किया गया था.इसके अलावा फिल्म निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री को अमेरिका के राज्य रोड आइलैंड ने सम्मानित भी किया था। साथ ही फिल्म देखने के बाद से ही अमेरिका के राज्य ने 32 साल बाद आधिकारिक तौर पर माना है कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का नरसंहार हुआ था।
ब्रिटेन
ब्रिटेन में ये फिल्म लोगों को पसंद आई थी। ब्रिटेन की संसद में भी इस फिल्म की तारीफ की गई थी। यहाँ तक विवेक अग्निहोत्री और उनकी पत्नी पल्लवी जोशी को ब्रिटिश संसद द्वारा कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा के बारे में बात करने के लिए आमंत्रित भी किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात
पहले तो संयुक्त अरब अमीरात में इस फिल्म पर बैन लगा दिया गया था। लेकिन बाद में इस फिल्म को यूएई के सेंसर बोर्ड नेपास कर दिया था।