YRKKH: ये रिश्ता क्या कहलाता है के आगामी एपिसोड में पोद्दार परिवार एक बड़े संकट से जूझता दिखेगा। परिवार की प्रतिष्ठित फर्म को कृष की वजह से बेच दिया गया है, जिससे पूरा परिवार मुश्किल में पड़ जाएगा और पोद्दार हाउस बिकने की कगार पर आ जाएगा। इस मोड़ पर अरमान की स्थिति और निर्णय कहानी का केंद्र बिंदु बन जाते हैं।
कहानी के अनुसार, कृष की चालबाज़ी के कारण पोद्दार फर्म के नियंत्रण से बाहर निकलने से परिवार को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ता है। अब अरमान फर्म को वापस पाने के लिए कड़े उपाय सोच रहा है और इसी बीच उसे ₹85 करोड़ की भारी डील का सामना करना पड़ता है।
85 करोड़ की डील और परिवार की भावनात्मक परीक्षा
अरमान, चाचा सा के साथ मिलकर नई कंपनी मालिकों से फर्म वापस लेने का प्रस्ताव लेकर जाता है। लेकिन फर्म को वापस पाना इतना आसान नहीं होगा। मालिक फर्म के बदले ₹85 करोड़ की मांग करते हैं। यह रकम इतना बड़ा भार है कि परिवार को अपनी कीमती संपत्तियाँ तक बेचनी पड़ सकती हैं।
इस संकट के बीच बुआ सा भी अरमान का समर्थन करती हैं और अपनी संपत्ति देने का निर्णय करती हैं। घर में अभिरा, तान्या की ज्वैलरी सहित सभी के गहने इकट्ठा करती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि परिवार संकट से निकलने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। फूफा सा भी अपनी संपत्ति देने का निर्णय लेते हैं, जिससे स्थिति और भी जटिल होती है।
अभिरा की नई जिम्मेदारी
इस संकट की घड़ी में अरमान घर और फर्म के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करता है। इसी कड़ी में वह अभिरा को घर की जिम्मेदारी सौंप देता है और खुद फर्म की तकलीफों का समाधान खोजने निकलता है। अभिरा उदास भाव से इस जिम्मेदारी को स्वीकार करती है, यह दिखाता है कि वह परिवार के प्रति अपनी भूमिका को गंभीरता से ले रही है।
अब जब अभिरा घर की जिम्मेदारी संभाले हुए है, तो दर्शकों को यह देखने को मिलेगा कि वह घर की चुनौतियों के बीच कैसे संतुलन बनाए रखती है और परिवार को इस मुश्किल समय से उबारने में क्या भूमिका निभाती है।
आगे क्या होगा?
पूरा परिवार यह सोचने पर मजबूर है कि इतनी बड़ी रकम जुटाना और फर्म वापस पाना आसान नहीं है। अरमान अब निर्णय लेगा कि वह किस तरह से यह भारी डील तय करता है और फर्म की प्रतिष्ठा वापस लाता है। वहीं दूसरी ओर, गोयनका हाउस में कियारा की तुलना बार-बार चारु से सुनकर कियारा दुखी महसूस करेगी, जिससे रिश्तों में और तनाव पैदा होने की संभावनाएं बनती हैं।
