Fatty Liver और Pre-Diabetes का बढ़ता खतरा, जानें रोकथाम के आसान तरीके

Fatty Liver और Pre-Diabetes का बढ़ता खतरा

fatty liverFatty Liver और Pre-Diabetes का बढ़ता खतरा: जब किसी व्यक्ति को प्री-डायबिटीज और फैटी लिवर दोनों के लक्षण होते है, तो यह आम तौर पर एक समान मूल कारण — इंसुलिन रेजिस्टेंस (insulin resistance) की ओर संकेत करता है। इसका मतलब है कि शरीर इंसुलिन का उत्पादन तो कर रहा है, लेकिन शरीर की कोशिकाएँ उस पर सही तरह से प्रतिक्रिया नहीं दे रही हैं।
इसके परिणामस्वरूप ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है और फैट लिवर में जमा होने लगता है, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है। इसे ऐसे समझिए जैसे आपके पास ताले की सही चाबी हो, लेकिन ताला जाम होने के कारण चाबी काम न करे,” ऐसा कहना है डॉ. मनीषा अरोड़ा का।

प्री-डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन वह टाइप 2 डायबिटीज की श्रेणी में नहीं आता। वहीं, फैटी लिवर या MASLD (Metabolic Associated Steatotic Liver Disease) एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में अत्यधिक मात्रा में फैट जमा हो जाता है।

डॉक्टर्स से जानिये इसके उपाय!
डॉ. अरोड़ा के अनुसार, प्री-डायबिटीज और फैटी लिवर दोनों के जोखिम कारक समान होते हैं — जैसे अधिक वजन (विशेष रूप से पेट के आसपास की चर्बी), उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स का बढ़ा स्तर, बैठे-बैठे रहने वाली जीवनशैली और प्रोसेस्ड फूड, चीनी और अस्वस्थ वसा से भरपूर खाना ।
उन्होंने कहा, “ये सभी एक विकृत चक्र बनाते हैं — फैटी लिवर से ब्लड शुगर नियंत्रित करना कठिन हो जाता है, और प्री-डायबिटीज लिवर में फैट के जमाव का जोखिम बढ़ा देती है।”

वजन कम करना सबसे प्रभावी उपाय है — यदि आप अपने शरीर का सिर्फ 5–10 % वजन भी कम कर लेते हैं, तो यह लिवर में जमा फैट को काफी हद तक घटा सकता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार ला सकता है।
डॉ. अरोड़ा के अनुसार, “ऐसा खाना जिसमें संपूर्ण (whole) खाद्य पदार्थ शामिल हों — जैसे सब्जियाँ, फल, कम फैट वाले प्रोटीन, दालें, साबुत अनाज और स्वस्थ फैट (जैसे मेवे, बीज और जैतून का तेल) — अत्यधिक लाभदायक होता है। वहीं, अधिक चीनी वाले खाद्य पदार्थ, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और मीठे पेय पदार्थों से बचना चाहिए।”
नियमित शारीरिक गतिविधि और शराब के सेवन को सीमित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

डॉ. अरोड़ा ने कहा, “लगातार प्रयासों से आप फैटी लिवर को काफी हद तक ठीक कर सकते हैं और प्री-डायबिटीज से टाइप 2 डायबिटीज में बढ़ने के जोखिम को कम कर सकते हैं।”

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