दिवाली पर दमकल विभाग ने की है बड़ी तैयारी, 50 आफिसरो को सौंपी है ये बड़ी जिम्मेदारी

Delhi News: दिवाली जैसे -जैसे निकट आ रही है, वही इसको लेकर तैयारियं भी जोरों शोरों से की जा रह है। घरों की साफ- सफाई और रंग-रोगन करवाने में लगे हैं, तो वहीं दिल्ली दमकल सेवा यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक योजना बना रही हैं कि रोशनी के इस त्योहार को मनाते समय कोई परेशानी पैदा ना हो। इसके लिए दिल्ली फायर ब्रिगेड की टीम ने दीपावली के दौरान दिल्ली के सभी 64 फायर स्टेशनों के अलावा छोटी दीपावली की रात 22 अतिरिक्त जबकि दीपावली की रात 30 अतिरिक्त जगहों पर फायर की बड़ी, मिडल और छोटे गाड़ियों पर फायर कर्मियों को स्टैंड-बाय और अर्लट मोड़ पर रखा जाएगा, जिससे आग की सूचना पर त्वारित प्रतिक्रिया करते हुए फायर की टीम मौके पर पहुंच कर आग की घटना पर काबू पा सके।

फायर डिपार्टमेंट की तैयारियों को लेकर डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर डॉ. संजय तोमर ने कहा कि, दीपावली के मद्देनजर फायर कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं। दीपावली के दौरान अगर कहीं आग की घटना घटित होती है, तो आग बुझाने की कार्रवाई पर निगरानी रखने के लिए 50 से अधिक अधिकारी भी तैनात रहेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है, फिर भी दिपावली की रात दियों- मोमबत्तियों और बिजली के तारों में शॉट-सर्किट की वजह से आगे की घटनाएं बढ़ जाती है, और इस दौरान सही समय पर अगर आग पर काबू नहीं पाया जाता है, तो ये विकराल रूप ले सकती हैं, इसलिए, दोपहिया वाहन, छोटी गाड़ी और बड़ी गाड़ियों, सभी को इस दौरान स्टैंड-बाय मोड़ में रखा जाएगा।

उन्होंने बताया कि 22 जगहों पर फायर टेंडर की गाड़ियां, 3 जगहों, कनॉट प्लेस, गीता कॉलोनी और जे रोड पर छोटी गाडियां, जबकि, अम्बेडकर नगर, चांदनी चौक, घंटा घर, सब्जी मंडी, शीला सिनेमा पहाड़गंज और गांघी नगर जैसे संकरी गलियों वाले इलाकों में फायर की 05 मोटरसाइकिल टीमों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा सभी फायर स्टेशन भी सक्रिय रहेंगे।

डिप्टी चीफ फायर के अनुसार, हर साल दीपावली के दौरान औसतन 200 आग की घटनाएं होती है, इसलिए उन्होंने इस दौरान दीयों और मोमबत्तियों को जलाने के दौरान सावधानी बरतने और ऐसी जगहों पर उन्हें जलता हुआ छोड़ने से परहेज करने की अपील की है, जहां पर आग लगने की संभावना हो सकती है, इसके अलावा उन्होंने बिजली के तारों पर ओवरलोड पर भी ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया, जिससे शॉर्ट-सर्किट के कारण आग लगने की संभावनाओं को कम किया जा सके।

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