
अपराध शाखा के DCP हर्ष इंदोरा के अनुसार, कमरुल उर्फ मаму ‘मामू गैंग’ का सरगना है, जो मुख्य रूप से कर्नाटक और महाराष्ट्र में बैंक चोरी की वारदातों में शामिल रहा है। दिन में वह फल विक्रेता बनकर बैंक के परिसर और कर्मचारियों की दिनचर्या का बारीकी से अध्ययन करता और सुरक्षा खामियों को नोट करता। रात में वही अपने गैंग का नेतृत्व कर वारदात को अंजाम देता।
कमरुल पर कर्नाटक में तीन बड़े बैंक चोरी मामलों के अलावा उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में भी दर्जनों मामले हैं। वह 1996 से अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा और इसी दौरान उसे गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट और हत्या के प्रयास के कई मामलों का सामना करना पड़ा।
गैंग की रणनीति हमेशा समान थी, बैंक के पास कई दिन फल बेचकर निगरानी करना, सुरक्षा पैटर्न समझना, रात में वारदात को अंजाम देना और फिर अलग शहरों में बिखर जाना। यह भेष और गुप्त निगरानी उन्हें कई वर्षों तक कानून से आगे रखती रही।
गिरफ्तारी से कर्नाटक के तीन बड़े मामलों को हल करने में मदद मिली है, लेकिन पुलिस का मानना है कि कई गैंग सदस्य अभी भी फरार हैं और देश के अलग-अलग शहरों में फल की रेहड़ियों के पीछे छिपे हुए हैं।