Future Transport:नितिन गडकरी का बड़ा प्लान क्या है,हाइपरलूप जिसमें होगी भविष्य की यात्रा

भारत के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में हाइपरलूप, रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट जैसे आधुनिक साधनों का उपयोग होगा। इसके साथ ही सड़कों के विस्तार पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

Future Transport Projects in India

Future Transport with Hyperloop:भारत का ट्रांसपोर्ट सिस्टम अब पूरी तरह बदलने वाला है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आने वाले वक्त के लिए कई नए और एडवांस साधनों का खाका तैयार किया है। इसमें हाइपरलूप, इलेक्ट्रिक रैपिड ट्रांसपोर्ट, केबल बस, रोपवे और फनिक्युलर रेलवे जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल हैं।

शहर और गांव, दोनों के लिए समाधान

गडकरी का कहना है कि देश के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में बड़ा बदलाव हो रहा है। उन्होंने बताया कि शहरों में ट्रैफिक और जाम की समस्या को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक रैपिड ट्रांसपोर्ट नेटवर्क बनाया जा रहा है। वहीं, पहाड़ी और दुर्गम गांवों तक लोगों को आसानी से पहुंचाने के लिए रोपवे, केबल कार और फनिक्युलर रेलवे जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। केदारनाथ समेत करीब 360 जगहों पर ऐसे प्रोजेक्ट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से 60 जगहों पर काम भी शुरू हो गया है।

क्या होती है फनिक्युलर रेलवे?

फनिक्युलर रेलवे एक खास तरह की रेल प्रणाली है, जिसमें ट्रेन और लिफ्ट दोनों की तकनीक का इस्तेमाल होता है। यह ट्रेन पहाड़ियों पर ऊपर-नीचे चलती है और लोगों के साथ-साथ सामान भी आसानी से ढोती है। खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में यह बहुत फायदेमंद मानी जा रही है।

बसें बनेंगी प्लेन जैसी आरामदायक

नागपुर में एक नई इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल शुरू हो गया है। गडकरी ने बताया कि 135 सीटों वाली यह बस एग्जीक्यूटिव क्लास की तरह होगी। इसमें एयरलाइन जैसी आरामदायक सीटें और एसी होगा। इसकी स्पीड 120 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी।

ईंधन पर निर्भरता होगी कम

गडकरी ने कहा कि देश की बड़ी वाहन कंपनियां जैसे टाटा, टोयोटा, हुंडई और महिंद्रा फ्लेक्स-फ्यूल इंजन पर काम कर रही हैं। इन गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल के अलावा एथनॉल और मेथनॉल जैसे विकल्पों से भी वाहन चल सकेंगे। इससे भारत की विदेशी तेल पर निर्भरता कम होगी और पेट्रोलियम आयात पर खर्च घटेगा।

सड़कों का तेजी से निर्माण

सरकार अब दो लेन वाली 25,000 किलोमीटर सड़कों को चार लेन में बदलेगी। साथ ही रोजाना 100 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य रखा गया है। 2013-14 में जहां देश के नेशनल हाईवे सिर्फ 91,287 किमी थे, अब वो बढ़कर 1,46,204 किलोमीटर हो चुके हैं। हाई-स्पीड कॉरिडोर भी 93 किलोमीटर से बढ़कर अब 2,474 किलोमीटर हो गया है।

पर्यावरण के लिए भी खास योजना

गडकरी ने बताया कि सड़कों के किनारे 20 से 25 करोड़ नए पेड़ लगाए जाएंगे। हर कटे हुए पेड़ के बदले 5 नए पेड़ लगाए जाएंगे और जहां संभव होगा, पुराने पेड़ों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय के साथ मिलकर ‘ट्री बैंक’ योजना तैयार की जा रही है।

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