Ghaziabad Flyover: गाजियाबाद के निवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि शहर की सबसे व्यस्त और जाम वाली सड़कों में से एक जीटी रोड पर ट्रैफिक की समस्या जल्द ही खत्म होने वाली है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने जीटी रोड पर घंटाघर से भाटिया मोड़ तक एक नया एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाने का महत्वाकांक्षी प्रस्ताव उत्तर प्रदेश शासन को भेज दिया है। लगभग 200 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से बनने वाला यह छह लेन चौड़ा फ्लाईओवर करीब दो किलोमीटर लंबा होगा। यह परियोजना शहर के मध्य में स्थित महत्वपूर्ण चौराहों—घंटाघर, चौधरी मोड़, राकेश मार्ग, और भाटिया मोड़—पर हर दिन लगने वाले घंटों के जाम से निजात दिलाएगी।
वर्तमान में ऑफिस समय और शाम के पीक आवर्स में इस रूट पर यातायात ठप्प हो जाता है, जिससे आम लोगों, खासकर लोनी, लालकुआं और एमएमजी अस्पताल जाने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानी होती है। जीडीए का मानना है कि यह फ्लाईओवर सफर के औसत समय को 20 मिनट से घटाकर मात्र 5 मिनट कर देगा। इस परियोजना को 2026-27 की विकास योजनाओं में शामिल किया गया है, और शासन की मंजूरी मिलते ही इस पर तेज़ी से काम शुरू होने की उम्मीद है।
गाजियाबाद के दिल से हटेगा ट्रैफिक का बोझ
जीटी रोड Ghaziabad की लाइफलाइन मानी जाती है, लेकिन घंटाघर और भाटिया मोड़ के बीच का हिस्सा शहर का सबसे बड़ा बॉटलनेक (गला घोंटने वाला क्षेत्र) बन चुका है। रोजाना हजारों वाहन इस छोटे से स्ट्रेच से गुजरते हैं, जिससे यातायात प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बन गया है। जीडीए द्वारा प्रस्तावित एलिवेटेड फ्लाईओवर इस समस्या का स्थायी समाधान है।
200 करोड़ की परियोजना, 40% ट्रैफिक दबाव घटेगा
यह फ्लाईओवर लगभग दो किलोमीटर लंबा होगा और इसमें यातायात की सुगम आवाजाही के लिए छह लेन होंगी। Ghaziabad जीडीए के मुख्य अभियंता अरुण कुमार सिंह के अनुसार, इस फ्लाईओवर के निर्माण से जीटी रोड पर ट्रैफिक का दबाव लगभग 40 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। यह कमी न केवल यात्रियों को जाम से राहत देगी बल्कि हर दिन लाखों लीटर ईंधन की बचत और शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने में भी सहायक होगी। यह परियोजना यात्रियों के समय और धन दोनों की बचत करेगी।
विकास योजनाओं में शामिल, दो साल में पूरा करने का लक्ष्य
Ghaziabad जीडीए ने इस महत्वपूर्ण परियोजना को अपनी 2026-27 की विकास योजनाओं में शामिल किया है। प्रस्ताव में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि निर्माण कार्य के दौरान यातायात को किस तरह से मोड़ा जाएगा (ट्रैफिक डायवर्जन), प्रदूषण को कैसे नियंत्रित किया जाएगा, और नीचे के मार्गों पर स्थानीय यातायात को कैसे सुचारू रखा जाएगा। अधिकारियों ने लक्ष्य रखा है कि एक बार काम शुरू होने के बाद, इस फ्लाईओवर को लगभग दो साल में पूरा कर लिया जाएगा।
फिलहाल, इस ‘गुड न्यूज’ का अगला चरण शासन से इस प्रस्ताव की जल्द मंजूरी मिलना है। मंजूरी मिलते ही, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम रूप दिया जाएगा और निर्माण प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, जिससे गाजियाबाद के निवासियों को ट्रैफिक जाम की टेंशन से परमानेंट छुट्टी मिल सकेगी।










