बहादुर शाह जफर को समझ बैठे औरंगज़ेब, तस्वीर पर पोती कालिख, हिंदू संगठन की बड़ी चूक

हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने यह सोचकर कि वह तस्वीर मुगल शासक औरंगज़ेब की है, उस पर कालिख पोत दी और नारेबाज़ी की, जबकि असल में वह चित्र अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र का था।

Ghaziabad News

Ghaziabad News : गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर एक पेंटिंग को लेकर विवाद ने अचानक तूल पकड़ लिया, लेकिन बाद में यह मामला एक बड़ी गलतफहमी का परिणाम निकला। दरअसल, हिंदू रक्षा दल के सदस्यों ने प्लेटफॉर्म नंबर चार पर बनी एक पेंटिंग को मुगल शासक औरंगज़ेब का चित्र समझ लिया और विरोध स्वरूप उस पर कालिख पोत दी, साथ ही ‘जय श्रीराम’ के नारे भी लगाए। उनका आरोप था कि चित्र औरंगज़ेब का है, जिसने भारत के मंदिरों को नष्ट किया था।

स्टेशन की दीवारों को ऐतिहासिक रंग देने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर चार पर कई चित्रों को बनाया गया था, जिनमें से एक को देखकर हिंदू रक्षा दल के 20 से अधिक कार्यकर्ता स्टेशन पर पहुंचे और विरोध जताया।

लेकिन जब मामला प्रशासन तक पहुँचा, तो गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जिस चित्र पर विरोध जताया गया, वह औरंगज़ेब का नहीं बल्कि अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह ज़फर का था। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक भ्रम बताया और कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से पहले तथ्यात्मक जानकारी लेना ज़रूरी है।

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वहीं दूसरी ओर, हिंदू रक्षा दल अब भी अपने रुख पर अड़ा हुआ है। संगठन का कहना है कि वे रेलवे प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि सरकारी इमारतों पर मुग़ल आक्रांताओं के चित्र न लगाए जाएं। जिलाधिकारी की सफाई के बावजूद, अब यह मामला एक नए मोड़ की ओर बढ़ गया है।

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