Ghaziabad गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर इलाके में एक पिता द्वारा अपनी ही 7 साल की बेटी के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला सामने आया है। प्रॉपर्टी डीलर ज्ञान सिंह ने नशे की हालत में बच्ची को निशाना बनाया और बाद में उसकी हत्या कर दी। शुरुआत में उसने पड़ोसन शांति देवी पर जहरीली कढ़ी देने का झूठा आरोप लगाकर मामले को छिपाने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस जांच ने उसकी पोल खोल दी।
घटना की शुरुआत और झूठी कहानी
12 मार्च की रात ज्ञान सिंह नशे में धुत होकर घर लौटा। इसी दौरान उसने अपनी मासूम बेटी के साथ दरिंदगी भरा व्यवहार किया। बच्ची के चिल्लाने पर उसे डर हुआ कि समाज में उसकी इज्जत खत्म हो जाएगी। इसी डर से उसने बच्ची का गला दबाकर हत्या कर दी। हालात को छिपाने के लिए उसने पड़ोसन शांति देवी पर झूठा केस दर्ज कराया और दावा किया कि उसके पांच बच्चों ने शांति की दी हुई कढ़ी खाई, जिससे बेटी की मौत हो गई।
पोस्टमार्टम ने खोली पोल
पुलिस ने शुरुआती जांच में शांति देवी को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बच्ची के पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सच उजागर कर दिया। रिपोर्ट में दुष्कर्म और गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने ज्ञान सिंह से पूछताछ शुरू की। लगातार सवालों के दबाव में उसने अपना जुर्म कबूल लिया।
आरोपी ने कबूला जुर्म
एसीपी अंकुर विहार के मुताबिक, ज्ञान सिंह ने बताया कि नशे के असर में उसने बेटी को अपना शिकार बनाया। बाद में बदनामी के डर से उसने उसकी जान ले ली। झूठी कहानी गढ़कर उसने पुलिस और परिवार को गुमराह करने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस की सूझबूझ ने केस की सच्चाई सामने ला दी।
दरिंदे पर लगे गंभीर आरोप
ज्ञान सिंह पर पॉक्सो एक्ट, दुष्कर्म और हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। उसे जेल भेज दिया गया है। वहीं, निर्दोष शांति देवी को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पुलिस ने बच्ची के परिवार से सहयोग मांगा है और केस में तेजी से सुनवाई की मांग की है।
समाज के लिए सवाल
यह घटना नशे की गिरफ्त में आकर इंसानियत खो देने वालों की मानसिकता पर सवाल खड़ा करती है। पिता की भूमिका में होकर भी ज्ञान सिंह जैसे लोगों का ऐसा क्रूर चेहरा समाज को झकझोर देता है। पुलिस ने परिवार से अपील की है कि ऐसे संदेहास्पद हालात में तुरंत सूचना दें, ताकि दोषियों को सजा मिल सके।
न्याय की उम्मीद
अब सभी की निगाहें कोर्ट पर टिकी हैं कि मासूम बच्ची को न्याय कितनी जल्दी मिलता है। इस केस ने एक बार फिर बताया है कि कानून चाहे कितना भी सख्त हो, अपराधी अगर घर के भीतर हों तो पीड़ित का बच पाना मुश्किल होता है।