Ghaziabad house tax: गाजियाबाद के लोगों के लिए राहत भरी खबर आई है। गाजियाबाद नगर निगम बोर्ड बैठक में डीएम सर्कल रेट के आधार पर हाउस टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव रद्द कर दिया गया है। अब पुराने रेट ही लागू रहेंगे। जो लोग बढ़ा हुआ टैक्स पहले ही जमा कर चुके हैं, उनकी राशि को भविष्य में समायोजित किया जाएगा। मेयर सुनीता दयाल ने बोर्ड बैठक में इस निर्णय की घोषणा की। इस फैसले का सभी पार्षदों और जनप्रतिनिधियों ने समर्थन किया। बैठक में सांसद अतुल गर्ग, कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा, विधायक संजीव शर्मा और अजीतपाल त्यागी भी मौजूद रहे। सभी ने इसे जनता के हित में महत्वपूर्ण कदम बताया।
आज गाजियाबाद नगर निगम मुख्यालय में मा. सदन की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसमें जनता के हित में "गृहकर वृद्धि" के प्रस्ताव को निरस्त किया गया।
यह निर्णय आम जनता पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को देखते हुए लिया गया है। गाजियाबाद नगर निगम हमेशा जनभावनाओं का सम्मान करते हुए pic.twitter.com/zEKmsfF9MY
— Sunita Dayal Aggarwal (Modi ka Parivar) (@sunitadayalbjp) June 30, 2025
जनता की जीत, हाउस टैक्स में राहत
लंबे समय से Ghaziabad में हाउस टैक्स बढ़ोतरी का विरोध हो रहा था। नगर निगम ने डीएम सर्कल रेट के आधार पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इसे जनता और पार्षदों ने अन्यायपूर्ण बताया। सोमवार को हुई बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया। मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि दो महीने तक हाउस टैक्स के नोटिस नहीं भेजे जाएंगे और पुराने रेट पर ही टैक्स वसूली होगी। जो लोग बढ़ा हुआ टैक्स भर चुके हैं, उनके पैसे अगले भुगतान में समायोजित किए जाएंगे।
जनप्रतिनिधियों ने निभाई जिम्मेदारी
बोर्ड बैठक में सांसद अतुल गर्ग, विधायक संजीव शर्मा, कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा और मुरादनगर विधायक अजीतपाल त्यागी ने जनता के पक्ष में आवाज उठाई। सभी ने कहा कि बिना सहमति इतनी बड़ी टैक्स वृद्धि जनता पर बोझ है। कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने अधिकारियों को चेताया कि पार्षदों पर दबाव न बनाएं और उनके सम्मान का ध्यान रखें। सांसद अतुल गर्ग ने फैसले को जनता की जीत बताया।
कांग्रेस ने साधा निशाना
बैठक में Ghaziabad कांग्रेस पार्षद अजय शर्मा ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि बिना सहमति हाउस टैक्स बढ़ाने का निर्णय गलत था। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले चुपचाप टैक्स बढ़ाया गया और बाद में बीजेपी के पार्षद कोर्ट चले गए। इस मुद्दे पर सदन में हंगामा भी हुआ। सोमवार को कांग्रेस और व्यापारी संगठनों ने भी विरोध प्रदर्शन किए।
आगे की प्रक्रिया
Ghaziabad मेयर ने स्पष्ट किया कि हाउस टैक्स में पहले दी जा रही मकान की आयु के अनुसार छूट अब नहीं दी जाएगी। साथ ही दो महीने तक किसी को टैक्स नोटिस नहीं मिलेगा। निगम सर्वे कराकर सही जानकारी एकत्र करेगा और भविष्य में हर दो साल में 10 फीसदी हाउस टैक्स बढ़ाने का ही प्रस्ताव लागू रहेगा। 7 मार्च को बिना पार्षदों की सहमति से बढ़ाए गए हाउस टैक्स का मामला अब हाईकोर्ट में चल रहा है, जिसकी सुनवाई 29 जुलाई को होगी।