Ghaziabad News: साहिबाबाद फल मंडी में तुर्की के सेब अब नजर नहीं आते। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच तुर्की के पाकिस्तान समर्थन से नाराज व्यापारियों ने तुर्की से आयातित सेब और अन्य फलों का बहिष्कार कर दिया है। यह कदम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद उठाया गया जिसमें भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों और एक एयरबेस को नष्ट किया था। सेना की जांच में पता चला कि पाकिस्तान ने भारत पर तुर्की निर्मित ड्रोन्स से हमला करने की कोशिश की जिसे भारत ने नाकाम कर दिया।
मंडी में व्यापारियों ने किया तुर्की के सेबों का बहिष्कार
साहिबाबाद मंडी (Ghaziabad) में व्यापारी शादाब खान ने कहा, “तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन दिए जो भारत पर हमले के लिए इस्तेमाल हुए। हम ऐसा देश जो हमारे दुश्मन का साथ दे उससे व्यापार नहीं करेंगे। तुर्की का भारत में सेब व्यापार सालाना 1200-1400 करोड़ रुपये का है लेकिन अब हमने इसे पूरी तरह बंद कर दिया।” मंडी में तुर्की के सेबों की जगह हिमाचल, उत्तराखंड और ईरान के सेबों ने ले ली है। आगे व्यापारी नूर मोहम्मद ने कहा, “हम भारत सरकार और सेना के साथ हैं। यह सिर्फ व्यापार का फैसला नहीं बल्कि देशभक्ति का प्रतीक है।”
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नागरिकों ने भी किया बहिष्कार का समर्थन
मंडी में नागरिक भी इस बहिष्कार का समर्थन कर रहे हैं। स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया, “जब हमें पता चला कि तुर्की पाकिस्तान का साथ दे रहा है हमने तुर्की के सेब खरीदना बंद कर दिया। हम अपने सैनिकों के साथ हैं।” मंडी में ‘तुर्की सामान नहीं बिकता’ के बैनर लगे हैं और व्यापारी स्थानीय और वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ावा दे रहे हैं।
स्वदेशी जागरण मंच ने भी तुर्की के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध और पर्यटन बहिष्कार की मांग की है। तुर्की से भारत का वार्षिक आयात 1200 करोड़ रुपये से अधिक है जिसमें सेब प्रमुख हैं। इस बहिष्कार से तुर्की को आर्थिक नुकसान होने की संभावना है। व्यापारियों का कहना है “हमारा संदेश साफ है- भारत आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को बर्दाश्त नहीं करेगा।”