Ghazipur: ‘गर्लफ्रेंड के दरवाजे पर तड़पता रहा’, ऊंची जातिकी लड़की से प्यार, जातिवाद ने छीनी जिंदगी

गाजीपुर में एक युवक की जान ऊंची जाति की लड़की से प्यार करने की वजह से चली गई। उसकी गंभीर स्थिति में मिलने के बाद परिवार ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह घटना जातिवाद के खिलाफ गहरी चिंताओं को उजागर करती है।

Badaun

Ghazipur: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक दर्दनाक घटना ने समाज में जातिवाद के गंभीर पहलुओं को उजागर किया है। करीमुद्दीनपुर इलाके में एक युवक ने ऊंची जाति की लड़की से प्यार किया, जिसका उसे खामियाजा जान देकर चुकाना पड़ा। स्थानीय युवक धीरज गुप्ता (21) के घरवालों का कहना है कि लड़की के परिवार वालों ने उसे कई बार धमकी दी थी कि यदि वह अपने भाई को समझाने में असफल रहा तो परिणाम भयंकर होंगे। एक दिन धीरज अपने प्रेमिका के दरवाजे पर गंभीर अवस्था में मिला, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने न केवल एक परिवार को बल्कि पूरे गांव को हिलाकर रख दिया है।

धीरज गुप्ता की कहानी एक ऐसी सच्चाई को उजागर करती है, जहां प्रेम और जाति का टकराव खतरनाक परिणाम उत्पन्न कर सकता है। युवक के बड़े भाई कमलेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि लड़की के पिता और अन्य परिवार के सदस्यों ने बार-बार उन्हें धमकाया था कि अगर धीरज ने उनका साथ नहीं छोड़ा, तो परिणाम बुरे होंगे। ऐसे में एक दिन जब कमलेश घर पर थे, उन्हें लड़की के परिवार वालों ने बुलाकर डराया और धमकाया। इसके बाद धीरज का मोबाइल पर एक फोन आया, और वह रात में कहीं चला गया। सुबह जब गांव के एक व्यक्ति ने उन्हें बताया कि उनका भाई लड़की के दरवाजे पर घायल अवस्था में पड़ा है, तो पूरा परिवार वहां पहुंचा।

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कमलेश ने तुरंत 112 पर कॉल किया और धीरज को Ghazipur के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। धीरज के शव का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से किया गया, लेकिन कमलेश ने घटना के बाद तहरीर देकर लड़की के माता-पिता और अन्य लोगों के खिलाफ करीमुद्दीनपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। कमलेश की तहरीर में यह आरोप लगाया गया है कि धीरज की जान से मारने की धमकी दी गई थी, जो एक गहरे जातीय पूर्वाग्रह की ओर इशारा करती है।

Ghazipur में यह घटना जातिवाद के खिलाफ जागरूकता की आवश्यकता को भी उजागर करती है। सामाजिक भेदभाव और जाति के आधार पर दिए जाने वाले दबाव के कारण कई युवक और युवतियां अपनी जान तक गंवा रहे हैं। यह घटना दर्शाती है कि समाज में प्रेम और संबंधों को लेकर मानसिकता में बदलाव की कितनी आवश्यकता है। ऐसे मामलों में पुलिस और प्रशासन को भी सक्रियता दिखाते हुए ठोस कार्रवाई करनी चाहिए ताकि अन्य युवाओं की जान को खतरा न हो।

इस घटना ने न केवल धीरज के परिवार को तोड़ दिया है, बल्कि पूरे गांव को इस गंभीर मुद्दे पर सोचने पर मजबूर कर दिया है। अब सभी की नजर Ghazipur पुलिस की कार्रवाई और इस मामले की न्यायिक प्रक्रिया पर है। क्या समाज में प्रेम और जाति का यह भेद मिट पाएगा? क्या कानून इस तरह की घटनाओं को रोकने में सक्षम होगा? ये सवाल आज हर किसी के मन में उठ रहे हैं।

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