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Global economy : दुनिया पर क़र्ज़ का बोझ बढ़ता जा रहा है, अमेरिका नंबर 1 भारत का है कौन सा स्थान

दुनिया का कुल कर्ज 102 ट्रिलियन डॉलर पहुंच चुका है। अमेरिका सबसे ज्यादा कर्ज वाला देश है, जबकि भारत इस लिस्ट में सातवें स्थान पर है। भारत का कर्ज 3.057 ट्रिलियन डॉलर है। कर्ज GDP के अनुपात में बढ़ने से आर्थिक संकट पैदा हो सकता है।

SYED BUSHRA by SYED BUSHRA
December 25, 2024
in राष्ट्रीय
global debt crisis
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 Global debt crisis : आज के समय में देशों की अर्थव्यवस्था उधार पर चल रही है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया का कुल कर्ज 102 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। इसमें अमेरिका सबसे आगे है।

Americaपर सबसे ज्यादा कर्ज

अमेरिका, जिसे सुपरपावर माना जाता है, कर्ज के मामले में सबसे ऊपर है। इस देश पर कुल 36 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है, जो उसकी GDP का 125% है। दुनिया के कुल कर्ज का 34.6% सिर्फ अमेरिका पर है।

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अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर असर

America की अर्थव्यवस्था फिलहाल अच्छा प्रदर्शन कर रही है, लेकिन उसका बढ़ता कर्ज चिंता का विषय है।
इस कर्ज पर लगने वाला भारी ब्याज उसे आर्थिक रूप से कमजोर बना सकता है।

चीन और जापान कर्ज में डूबे

अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर चीन है। चीन पर ग्लोबल कर्ज का 16.1% हिस्सा है, जो लगभग 14.69 ट्रिलियन डॉलर है। चीन को हाल के समय में आर्थिक संघर्षों का सामना करना पड़ा है।
तीसरे नंबर पर जापान है। जापान पर कुल 10.79 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है।

भारत का कर्ज

इस लिस्ट में भारत सातवें नंबर पर है। भारत पर कुल 3.057 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है, जो ग्लोबल कर्ज का 3.2% है।

भारत की स्थिति की तुलना

भारत का कर्ज जर्मनी, कनाडा, ब्राजील, और रूस जैसे बड़े देशों से ज्यादा है।

पड़ोसी पाकिस्तान पर सिर्फ 0.3% ग्लोबल कर्ज है, जो भारत के मुकाबले काफी कम है।

कर्ज में बाकी देश

ब्रिटेन चौथे नंबर पर है, जिसका कुल कर्ज 3.46 ट्रिलियन डॉलर है।

इसके बाद फ्रांस और इटली का स्थान है।

दुनिया के कुछ देशों जैसे इराक, चिली, चेक गणराज्य, वियतनाम, और हंगरी पर सबसे कम कर्ज है।

क्या कर्ज का बढ़ना खतरा है

कर्ज लेना हर देश के लिए सामान्य बात है, लेकिन जब कर्ज GDP के अनुपात में बहुत ज्यादा हो जाता है, तो यह आर्थिक संकट को जन्म दे सकता है।

बढ़ते कर्ज का सीधा असर देशों की विकास दर पर पड़ता है।

ब्याज चुकाने का बोझ बढ़ने से जरूरी खर्चों में कटौती करनी पड़ती है।

दुनिया का बढ़ता कर्ज यह दिखाता है कि बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी अपने प्रदर्शन के पीछे उधार पर निर्भर हैं। भारत की स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन बढ़ते कर्ज को समय रहते संभालना जरूरी है।

यह न केवल आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भविष्य की योजनाओं के लिए भी फायदेमंद होगा। समय रहते इसे संभालना जरूरी है।

Tags: global economyrising debt
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SYED BUSHRA

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