Gold Rate Today : हाल ही में सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी ने आम लोगों की चिंता तो बढ़ाई ही है, लेकिन साथ ही निवेशकों को भी इस ओर आकर्षित किया है। भारत में सोना लंबे समय से एक सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर देखा जाता रहा है, और मौजूदा त्योहारी सीजन में इसकी कीमतों ने नए कीर्तिमान बनाए हैं।
जहां एक ओर लोग सोने में निवेश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लोग तेजी से अपने गहने गिरवी रखकर गोल्ड लोन लेने लगे हैं। ताजा आंकड़े बताते हैं कि बीते 5 महीनों के दौरान भारतीयों ने कुल 97,079 करोड़ रुपये के गोल्ड लोन लिए हैं। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 में गोल्ड लोन की सालाना ग्रोथ 117.8% दर्ज की गई है, जो इस बढ़ते रुझान की पुष्टि करता है।
गोल्ड लोन का ग्राफ तेजी से ऊपर
जारी किए गए आंकड़ों से यह साफ होता है कि मार्च 2025 तक देशभर में 2,08,735 करोड़ रुपये के गोल्ड लोन दिए जा चुके थे। लेकिन जुलाई तक इसमें जोरदार उछाल आया और यह आंकड़ा 2,94,166 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यानी सिर्फ चार महीनों में ही करीब 85,000 करोड़ रुपये के नए गोल्ड लोन लिए गए।
अगस्त में भी यह ट्रेंड जारी रहा और अकेले इस महीने में करीब 12,000 करोड़ रुपये के गहने गिरवी रखे गए। विशेषज्ञों का मानना है कि लोग अपनी तात्कालिक वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए गोल्ड लोन की ओर रुख कर रहे हैं। चूंकि सोने की कीमतें ऊंची हैं, इसलिए गिरवी रखे गए सोने के बदले आसानी से ज्यादा लोन मिल रहा है।
गोल्ड लोन की बढ़ती लोकप्रियता के पीछे क्या है वजह?
सोने की कीमतों में इजाफा जहां एक ओर चिंता का विषय है, वहीं दूसरी ओर यही बढ़ी हुई कीमतें लोगों को अधिक लोन पाने में मदद कर रही हैं। मतलब साफ है—जितना महंगा सोना, उतना ज्यादा लोन! इसके अलावा, गोल्ड लोन लेना प्रक्रिया में आसान और त्वरित है, जबकि पर्सनल लोन के लिए बैंकों में पहले से लंबी कतारें लगी होती हैं। बैंकों और एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों) को भी गोल्ड लोन देना ज्यादा सुरक्षित लगता है क्योंकि गहने उनके पास गिरवी रहते हैं और रिकवरी की संभावना अधिक होती है।
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इसीलिए वे ऐसे लोन आवेदकों को प्राथमिकता दे रहे हैं। त्योहारी सीजन में तो गोल्ड लोन एक सुविधाजनक विकल्प बनकर उभरा है। मौजूदा नियमों के तहत, गिरवी रखे गए सोने की वैल्यू पर करीब 85% तक लोन मिल जाता है और यह पारंपरिक लोन के मुकाबले सस्ता भी होता है। यही कारण है कि आम लोग तेजी से इस विकल्प की ओर झुकाव दिखा रहे हैं।