राम मंदिर का ये शिखर बना आकर्षण का केंद्र, देखे स्वर्ण जड़ित शिखर की वायरल ये तस्वीरें

अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण अपने अंतिम चरण में है। मंदिर का स्वर्ण जड़ित शिखर भक्तों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 5 जून को राम दरबार की स्थापना होगी

Golden glory of Ram Temple: अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर को शानदार बनाने का काम तेज़ी से चल रहा है। मंदिर का मुख्य शिखर अब स्वर्ण जड़ित बना दिया गया है, जो दूर से ही अपनी चमक बिखेरता नजर आता है। यह नजारा भक्तों के मन में आस्था और श्रद्धा को और मजबूत कर रहा है।

ट्रस्ट ने जारी की मंदिर के शिखर की तस्वीरें

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रविवार को स्वर्ण जड़ित शिखर की नई तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं। इन तस्वीरों में मंदिर का शिखर, कलश और नक्काशी की सुंदरता साफ नजर आती है। शिखर और मंदिर के अलग-अलग हिस्सों की नक्काशी बेहद आकर्षक है।

5 जून को होगी राम दरबार की स्थापना

मंदिर में 5 जून को राम दरबार की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए 3 जून से धार्मिक अनुष्ठान शुरू होंगे। रामलला, माता सीता, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की मूर्तियां पहले ही मंदिर पहुंच चुकी हैं। यह सभी मूर्तियां जयपुर से लाई गई हैं और भव्य राम दरबार में स्थापित की जाएंगी।

मंदिर का मुख्य शिखर बनकर तैयार

राम जन्मभूमि परिसर के 2.77 एकड़ क्षेत्र में बने मुख्य मंदिर का शिखर अब पूरी तरह से तैयार है। मंदिर के सभी मंडपों और पूरक मंदिरों के शिखरों पर भी स्वर्ण कलश लगाए जा चुके हैं, जिससे मंदिर और भी ज्यादा भव्य दिखाई दे रहा है।

परकोटे के मंदिरों का कार्य जारी

मंदिर के चारों ओर बने परकोटे में देवी-देवताओं के छह मंदिर भी तैयार किए जा रहे हैं। लार्सन एंड टुब्रो कंपनी को ये कार्य 5 जून से पहले पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि कुछ मंदिरों में अभी भी फिनिशिंग का कार्य, पाइप और चढ़ाई की व्यवस्था जारी है।

शेषावतार मंदिर को लेकर स्थिति साफ नहीं

प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण पत्र में शेषावतार मंदिर का जिक्र जरूर है, लेकिन यह मंदिर अभी अधूरा है। मंदिर की छत और शिखर का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है, इसलिए इसमें मूर्ति स्थापित की जाएगी या नहीं, इस पर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि लक्ष्मण जी की मूर्ति जयपुर से आ चुकी है, लेकिन इसे स्थापित किया जाएगा या नहीं, इस बारे में ट्रस्ट के अधिकारी अभी कुछ नहीं कह रहे हैं।

Exit mobile version