अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर, FATF ने मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग पर भारत की कार्रवाई की सराहना

FATF की ओर से यह मान्यता मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खतरों से बचाने के भारत के प्रयासों का समर्थन करती है। रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले 10 सालों में लागू किए गए सख्त और प्रभावी उपाय बहुत कारगर साबित हुए हैं।

FATF: यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर भारत की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। सिंगापुर में आयोजित FATF की बैठक में भी मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग से निपटने के भारत के प्रयासों की सराहना की गई है। FATF की ओर से यह मान्यता पिछले दस सालों के दौरान भारत सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी कदमों को मान्यता देती है। FATF को इसमें कई लाल झंडे नहीं मिले।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए की गई कार्रवाई मील का पत्थर है। FATF के मुताबिक, इस रिपोर्ट में भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और संगठित अपराध के खिलाफ कार्रवाई से होने वाली आय शामिल है।

FATF

FATF द्वारा भारत की कार्रवाई की सराहना:

अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण

FATF ने यह भी कहा कि भारत में नकद लेन-देन पर सख्त नियम अपनाए गए हैं और डिजिटल लेन-देन में बढ़ोतरी हुई है। इससे वित्तीय जोखिम कम हुआ है। FATF की यह मूल्यांकन रिपोर्ट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखती है। अच्छी रेटिंग से भारत को वैश्विक वित्तीय बाजारों और संस्थाओं तक बेहतर पहुंच मिलेगी। निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। इससे UPI के विस्तार में भी मदद मिलेगी।

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FATF की यह मान्यता दर्शाती है कि पिछले 10 वर्षों में भारत में लागू किए गए उपाय बहुत कारगर साबित हुए हैं। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और वैश्विक स्तर पर आर्थिक अपराधों पर लगाम लगाने में मददगार है।

अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण:

2014 के बाद बदली स्थिति

वर्ष 2014 के बाद भारत सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और कालेधन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कई कानूनी कदम उठाए हैं। इन उपायों में अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाया गया है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इन अभियानों से आतंकी फंडिंग, कालाधन और तट पर ड्रग शिपमेंट पर भी रोक लगी है।

किए गए सुधार:

FATF क्या है?

स्थापना 1989 में हुई थी। इसका उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा से जुड़े खतरों से निपटना है। भारत 2010 में FATF का सदस्य बना।

FATF के बारे में:

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