Gorakhpur News: गोरखपुर बीजेपी के लिए 11 जून 2025 की सुबह एक स्तब्ध कर देने वाली खबर लेकर आई, जब पार्टी के महानगर अध्यक्ष देवेश श्रीवास्तव का दिल का दौरा पड़ने से आकस्मिक निधन हो गया। 53 वर्षीय देवेश सुबह की पूजा के बाद अचानक सीने में दर्द की शिकायत करने लगे, जिसके बाद उन्हें निजी अस्पताल और फिर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस खबर ने न केवल पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं बल्कि प्रदेशभर में भाजपा नेताओं को भी गहरे सदमे में डाल दिया है। सोशल मीडिया पर नेताओं ने उन्हें समर्पित, कर्मठ और अनुशासित कार्यकर्ता बताया। अब गोरखपुर भाजपा संगठन उनके बिना नेतृत्व की नई दिशा की तलाश में है।
तीन महीने पहले संभाली थी कमान
मार्च 2025 में संगठनात्मक चुनाव के बाद देवेश श्रीवास्तव को Gorakhpur भाजपा महानगर अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे तीन बार महामंत्री रह चुके थे और संगठन के जमीनी कार्यों में पूरी निष्ठा से जुटे रहे। अध्यक्ष बनने के तुरंत बाद उन्होंने गोरखनाथ मंदिर जाकर दर्शन-पूजन किया था, जो उनकी आध्यात्मिक आस्था को दर्शाता है। उनकी नियुक्ति के बाद भाजपा की संगठनात्मक गतिविधियों में नई ऊर्जा दिखाई दी थी।
सुबह हुई तबीयत खराब, अस्पताल में निधन
परिवार के अनुसार, देवेश श्रीवास्तव ने रोज़ की तरह सुबह पूजा-पाठ किया। उसी दौरान उन्हें सीने में तेज़ दर्द हुआ। तुरंत उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अभी तक मेडिकल रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि उनकी मृत्यु हार्ट अटैक से हुई।
शोक में डूबा संगठन, नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
देवेश श्रीवास्तव के निधन की खबर फैलते ही Gorakhpur जिला अस्पताल और उनके आवास पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी। X (पूर्व ट्विटर) पर वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
भाजपा नेता शलभ मणि त्रिपाठी ने लिखा, “यह अपूरणीय क्षति है। देवेश जी का समर्पण पार्टी के लिए प्रेरणा रहेगा।”
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा, “उनकी कर्मठता और पार्टी के प्रति निष्ठा को सदैव याद रखा जाएगा।”
स्थानीय इकाई को बड़ा झटका
Gorakhpur जैसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में भाजपा को नेतृत्व की नई चुनौती का सामना करना पड़ेगा। देवेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में पार्टी ने हाल ही में कई सफल कार्यक्रम आयोजित किए थे। उनके अचानक चले जाने से संगठन में एक खालीपन पैदा हो गया है, जिसे भरना आसान नहीं होगा। अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और हजारों समर्थक उन्हें अंतिम विदाई देने की तैयारी में हैं।
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