Gorakhpur PAC ट्रेनिंग सेंटर में पानी के लिए तरसीं महिला प्रशिक्षु, सड़कों पर फूट-फूटकर रोईं

गोरखपुर की पीएसी बटालियन में प्रशिक्षण ले रहीं महिला प्रशिक्षुओं ने बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया। पानी तक न मिलने और दुर्व्यवहार के आरोप लगाते हुए कई लड़कियां फूट-फूटकर रो पड़ीं।

Gorakhpur

Gorakhpur PAC ruckus: गोरखपुर स्थित पीएसी की 26वीं बटालियन में प्रशिक्षण ले रहीं महिला जवानों ने बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर जबरदस्त विरोध दर्ज कराया। बुधवार की सुबह 600 से अधिक प्रशिक्षु महिलाओं ने प्रशासनिक लापरवाही से त्रस्त होकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। गुस्से और बेबसी में फूट-फूटकर रोती इन युवतियों ने आरोप लगाया कि न तो उन्हें पर्याप्त पानी मिल रहा है और न ही भोजन और स्नान जैसी मूलभूत सुविधाएं। बताया गया कि एक प्रशिक्षु को पूरे दिन में सिर्फ 500 एमएल पानी मिल रहा है। विरोध के दौरान कई लड़कियां बेहोश भी हो गईं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस पूरे घटनाक्रम से अफसरों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में आश्वासन देने का दौर शुरू हो गया।

600 में सिर्फ 300 की व्यवस्था, पानी के लिए लड़कियां बेहाल

Gorakhpur के पीएसी 26वीं बटालियन में प्रशिक्षण ले रही महिला जवानों ने बताया कि कैंप में केवल 300 लोगों के रहने की व्यवस्था है, जबकि 600 प्रशिक्षुओं को वहां रखा गया है। जगह की कमी के चलते उन्हें हर काम के लिए लंबी कतार में लगना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है, जहां एक प्रशिक्षु को सिर्फ 500 एमएल पानी मिल पा रहा है। इस पर जब वे शिकायत करती हैं, तो उन्हें गालियां दी जाती हैं। कैंप के अंदर बाथरूम की भी भारी कमी है, जिससे सुबह के वक्त लंबी लाइन लगती है और कई बार खुले में नहाने की मजबूरी हो जाती है।

अस्पताल पहुंचीं पांच प्रशिक्षु, तनाव और डिहाइड्रेशन का आरोप

प्रदर्शन के दौरान कई महिला प्रशिक्षु अत्यधिक गर्मी, तनाव और पानी की कमी से बेहोश हो गईं। Gorakhpur प्रशासन ने तत्काल उन्हें एंबुलेंस के जरिए जिला अस्पताल भिजवाया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पांच महिलाओं को भर्ती किया गया, जिन्हें डिहाइड्रेशन और मानसिक तनाव की शिकायत बताई गई। प्रशिक्षुओं ने आरोप लगाया कि समय से खाना नहीं मिल रहा और अफसर शिकायत करने पर धमकाते हैं। अफसरों के रवैये से दुखी होकर कई प्रशिक्षुओं ने अपने परिजनों को फोन कर हालात बताए, जिससे यह मामला चर्चा में आया।

प्रशासन ने दिए समाधान के आश्वासन, मामला शांत लेकिन नाराजगी बरकरार

Gorakhpur प्रशिक्षुओं के सड़क पर उतरने से अफसरों में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने लगातार प्रशिक्षुओं को समझाने की कोशिश की और उन्हें भीतर ले जाकर आश्वासन दिया कि जल्द ही समस्याओं का समाधान किया जाएगा। हालांकि प्रशिक्षुओं में नाराजगी अब भी बनी हुई है। यह मामला यूपी पुलिस ट्रेनिंग व्यवस्था की पोल खोलता है, जहां महिलाओं को न केवल कड़ी ट्रेनिंग बल्कि अमानवीय हालातों का भी सामना करना पड़ रहा है।

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