Hapur Insurance murder case: बीमा जगत और पुलिस महकमे को झकझोर देने वाला सनसनीखेज मामला सामने आया है। निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने हापुड़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए दावा किया कि मुकेश सिंघल की सड़क दुर्घटना में मौत वास्तविक दुर्घटना नहीं, बल्कि 50 करोड़ रुपये की बीमा राशि हड़पने की सुनियोजित साजिश थी। जांच में सामने आया है कि मृतक की कम आय के बावजूद बड़ी बीमा कवरेज थी, और नामांकित व्यक्ति विशाल कुमार ने दावा प्रक्रिया में कई विसंगतियां पेश कीं। मेडिकल और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में विरोधाभास, गवाहों के संदिग्ध बयान और वाहन की अनजान पहचान से Hapur पुलिस और बीमा कंपनियों के शक को बल मिला।
बीमा कवरेज पर उठे सवाल
मुकेश सिंघल कई कंपनियों के पॉलिसीधारक थे, जिनमें निवा बूपा, आदित्य बिड़ला, बजाज एलियांज, एचडीएफसी एर्गो, मैक्स लाइफ, टाटा एआईजी और टाटा एआईए शामिल हैं। उनकी सालाना आय महज 6–7 लाख रुपये थी, जबकि कुल बीमा कवरेज लगभग 50 करोड़ रुपये थी। इतनी बड़ी कवरेज और कम आय का अंतर खुद ही शक पैदा करता है।
दुर्घटना की कहानी पर उठे संदेह
27 मार्च 2024 को मुकेश गढ़ गंगा से बाइक पर लौट रहे थे, तभी एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मारी। उन्हें मेरठ के आनंद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मेडिकल और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चोटों और दुर्घटना के समय में विरोधाभास पाया गया। Hapur पुलिस और बीमा कंपनियों का मानना है कि यह कोई सामान्य सड़क हादसा नहीं था।
गवाहों और दस्तावेजों में भी शक
जांच में गवाहों के बयान संदिग्ध पाए गए और आधार-पैन में उम्र की विसंगतियां मिलीं। टक्कर मारने वाले वाहन की पहचान भी नहीं हो सकी। थाने ने बताया कि नामांकित विशाल कुमार ने जांच में सहयोग नहीं किया और दावा प्रक्रिया तेज करने के लिए रिश्वत देने का प्रयास किया।
गिरफ्तारी और आगे की जांच
विशाल कुमार और साथी सतीश कुमार को मेरठ से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। Hapur पुलिस ने बताया कि यह साजिश केवल मुकेश तक सीमित नहीं हो सकती; विशाल के पूर्व बीमा दावों में मां और पत्नी की मौत भी संदिग्ध मानी जा रही है। आगे की जांच में यह पता लगाया जाएगा कि क्या अन्य लोग भी इस योजना में शामिल थे।