‘शहादत’ vs. ‘उत्पीड़न’! IPS की मौत का बदला? ASI ने जान देकर IPS पूरन कुमार पर लगाया ‘भ्रष्टाचार’ का इल्ज़ाम!

हरियाणा पुलिस में सनसनीखेज 'दोहरी आत्महत्या' का मामला: IPS वाई पूरन कुमार की मौत के एक सप्ताह बाद, ASI सतीश लाठर ने भी आत्महत्या कर ली, लेकिन अपने नोट में दिवंगत IPS पर ही भ्रष्टाचार और जातिवाद के आरोप लगाए, जिससे पूरा केस एक खतरनाक मोड़ पर आ गया है।

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Haryana पुलिस में एक हाई-प्रोफाइल IPS की आत्महत्या का भूचाल अभी थमा भी नहीं था कि एक और दुखद घटना ने पूरे महकमे को हिलाकर रख दिया है। मंगलवार को रोहतक में साइबर सेल में तैनात असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) सतीश लाठर ने अपनी सर्विस पिस्तौल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। सनसनीखेज बात यह है कि ASI ने अपने तीन पन्नों के सुसाइड नोट और 6 मिनट के वीडियो संदेश में दिवंगत IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार (जो 7 अक्टूबर को खुदकुशी कर चुके थे) पर ही “भ्रष्टाचार, जातिवाद और सिस्टम को हाईजैक करने” के गंभीर आरोप लगा दिए। यह घटनाक्रम मामले को 180 डिग्री मोड़ देता है, जहां अब तक IPS अधिकारी को ‘उत्पीड़न’ का शिकार माना जा रहा था, वहीं अब ASI की ‘शहादत’ ने उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया है।

ASI ने नोट में खुद को “भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ शहादत” देने वाला बताया और DGP को ‘ईमानदार’ बताते हुए पूरन कुमार के परिवार के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की है। यह अजीबोगरीब ‘ट्विस्ट’ बताता है कि पर्दे के पीछे कुछ बड़ा, गहरा और उलझा हुआ खेल चल रहा है।

IPS की ‘बलि’ पर ASI का पलटवार: वसूली केस से जुड़ा खूनी रिश्ता

ASI सतीश लाठर की आत्महत्या ने IPS पूरन कुमार की पत्नी अमनीत कौर (IAS) के उन आरोपों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसमें वह रोहतक के एक ‘वसूली’ मामले को अपने पति को फंसाने की ‘साजिश’ बता रही थीं। सूत्रों के अनुसार, ASI लाठर पूरन कुमार के गनमैन सुशील कुमार से जुड़े ‘वसूली’ मामले की जांच टीम का हिस्सा थे और उन्होंने ही सुशील को गिरफ्तार किया था। ASI ने नोट में स्पष्ट आरोप लगाया है कि पूरन कुमार ‘भ्रष्टाचार’ में लिप्त थे।

दरअसल, पूरन कुमार ने अपनी आत्महत्या में 16 वरिष्ठ अधिकारियों पर ‘जातिगत उत्पीड़न’ और ‘मानसिक प्रताड़ना’ का आरोप लगाया था, जिसके बाद Haryana DGP को छुट्टी पर भेज दिया गया और SIT का गठन हुआ। अब ASI का सुसाइड नोट, जिसमें सीधे पूरन कुमार पर ‘भ्रष्टाचार’ और ‘जातिवाद’ का आरोप है, उस पूरी जांच की दिशा बदल सकता है।

मामला ‘उत्पीड़न’ बनाम ‘भ्रष्टाचार’: सिस्टम हुआ पंगु

जांच अब एक जटिल चौराहे पर खड़ी है। एक ओर Haryana IPS अधिकारी का परिवार ‘जातिगत उत्पीड़न’ के खिलाफ न्याय की मांग कर रहा है और पोस्टमॉर्टम रोकने के लिए अड़ा हुआ है, वहीं दूसरी ओर ASI ने ‘भ्रष्टाचार’ के खिलाफ जान देकर पूरन कुमार के परिवार के खिलाफ ही जांच की मांग की है। क्या यह ASI पर दबाव बनाने का नतीजा था, या पूरन कुमार वास्तव में एक ‘भ्रष्ट सिस्टम’ का हिस्सा थे?

दोनों ही मामलों में उच्च-स्तरीय अधिकारियों के नाम शामिल होने से जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। Haryana पुलिस में जातिवाद, उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के इन दोहरे सुसाइड मामलों ने सिस्टम को पंगु बना दिया है, और ऐसा प्रतीत होता है कि यह उलझा हुआ ‘खूनी खेल’ आने वाले दिनों में और भी कई बड़े खुलासे करेगा। पुलिस ने ASI के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और सुसाइड नोट और वीडियो की फोरेंसिक जांच जारी है।

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