Health tips: 40 साल की उम्र के बाद शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं, जो स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकते हैं। इनमें मांसपेशियों का घटना, हड्डियों का कमजोर होना, हार्मोनल बदलाव, त्वचा में परिवर्तन, मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट, आंखों की रोशनी कम होना, नींद में कमी, पाचन तंत्र से जुड़ी परेशानियां और कमजोर इम्यूनिटी शामिल हैं। ये सभी समस्याएं गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
डॉक्टर कहते है।
मेडिकवर हॉस्पिटल, मुंबई के डॉक्टर अहमद हुसैन खान का कहना है कि 40 की उम्र के बाद चार प्रमुख टेस्ट साल में एक बार जरूर कराने चाहिए। इनकी मदद से आप बड़ी बीमारियों, जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य गंभीर समस्याओं से बच सकते हैं आइए जानते हैं कौन-कौन से टेस्ट कराना जरूरी है।
CBC और LFT टेस्ट
CBC टेस्ट (कंप्लीट ब्लड काउंट) यह टेस्ट खून में मौजूद विभिन्न सेल्स जैसे हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स का स्तर जांचता है। इससे एनीमिया और इंफेक्शन जैसी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।
LFT टेस्ट (लिवर फंक्शन टेस्ट)लिवर की सेहत का पता लगाने के लिए यह टेस्ट कराया जाता है। यह लिवर में एंजाइम्स और प्रोटीन के स्तर को मापता है, जिससे लिवर की स्थिति का आकलन होता है।
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ब्लड प्रेशर स्क्रीनिंग
40 की उम्र के बाद हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। साल में एक या दो बार ब्लड प्रेशर चेक कराना जरूरी है। साथ ही हर 3-4 महीने में इसकी निगरानी करना भी फायदेमंद होता है।
थायराइड टेस्ट (खासकर महिलाओं के लिए)
महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ थायराइड की समस्या आम हो जाती है। हेयर फॉल, वजन बढ़ना और थकावट इसके प्रमुख लक्षण हैं। थायराइड डिसऑर्डर का समय पर पता लगाने के लिए साल में एक से दो बार थायराइड टेस्ट जरूर कराएं।
कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग
हाई कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों का मुख्य कारण है ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर मापने के लिए कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग साल में एक बार करानी चाहिए। यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याओं को रोकने में मदद करता है।