Health tips: तिल जो खासकर मकर संक्रांति और सकट चौथ पर पूजा जाता है, हमारी सेहत के लिए एक बेहतरीन सुपरफूड है। भले ही लोग इसे सर्दियों में ही ज्यादा खाते हैं, लेकिन तिल को सालभर खाया जा सकता है। तिल खाने से सेहत में कई बदलाव आ सकते हैं। और यह हमारी जिंदगी को थोड़ा और हेल्दी बना सकता है।
तिल का इतिहास
तिल की खेती भारत में करीब 6 हजार साल पहले शुरू हुई थी। यह बीज अफ्रीका में ज्यादा पाया जाता है, लेकिन भारत में इसे बहुत प्राचीन समय से उगाया जा रहा है। तिल के तेल का व्यापार भी प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया से जुड़ा हुआ था।
तिल के प्रकार और उनके फायदे
तिल तीन रंगों में आते हैं सफेद, काला और भूरा। इनमें से सभी तिल फायदेमंद होते हैं, लेकिन काले और भूरे तिल में अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। तिल में कैल्शियम, आयरन, और मैग्नीशियम जैसी भरपूर चीजें होती हैं, जो हमें सेहतमंद रखने में मदद करती हैं। खासकर सर्दी के मौसम में तिल का सेवन गर्मी देने के लिए किया जाता है।
तिल है एक सुपरफूड
तिल को सुपरफूड कहना बिल्कुल सही है। यह हड्डियों को मजबूत करता है, जॉइंट्स के दर्द को कम करता है, पेट की सेहत को बेहतर बनाता है, और स्किन और बालों को भी चमकदार बनाता है। तिल से खून की कमी भी दूर होती है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। महिलाएं इसे अपनी मेंस्ट्रुअल साइकिल को संतुलित रखने के लिए भी खा सकती हैं, ताकि हार्मोनल बैलेंस बना रहे।
तिल खाने का तरीका
तिल को एक चम्मच से ज्यादा न खाएं और हमेशा इसे पानी में भिगोकर खाएं। इससे तिल की गर्मी निकल जाती है। आप इसे सुबह खा सकते हैं, इससे आपके शरीर को ऊर्जा मिलती है, और पाचन भी सही रहता है। रात को खाने से यह अच्छी नींद लाता है।
तिल का उपयोग अन्य चीजों में
तिल से सिर्फ खाना ही नहीं, बल्कि साबुन, परफ्यूम और स्किन केयर प्रोडक्ट्स भी बनते हैं। प्राचीन सभ्यताओं में भी तिल का उपयोग वाइन और स्किन केयर के लिए किया जाता था।
तिल से किसे बचना चाहिए?
अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है या आपको डायरिया जैसी समस्या है, तो तिल से बचना चाहिए। वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों को भी इसे थोड़ी-सी ही मात्रा में खाना चाहिए। प्रेग्नेंसी के पहले 3 महीने में भी तिल का सेवन नहीं करना चाहिए।