sore throat remedies: मौसम बदलने पर शरीर में छोटी-मोटी परेशानियां आना आम बात है। इन्हीं में से एक है गले में दर्द, जो काफी तकलीफदेह हो सकता है। जब गले में दर्द होता है, तो कुछ भी निगलने में परेशानी होती है और खाने-पीने में दिक्कत आती है। कई बार यह खुद ही ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार यह लंबे समय तक बना रहता है। आइए जानते हैं इसके कारण और इससे बचने के उपाय।
वायरल इंफेक्शन – सबसे आम कारण
गले में दर्द का सबसे बड़ा कारण वायरस का संक्रमण होता है। जब वायरल इंफेक्शन होता है, तो गले के निचले हिस्से में जलन और सूजन महसूस होती है। इसके साथ ही बुखार, जुकाम और खांसी भी हो सकती है। यह इंफेक्शन ज्यादा सर्दी या मौसम में अचानक बदलाव के कारण हो सकता है।
साइनस इंफेक्शन भी हो सकता है जिम्मेदार
कई बार साइनस इंफेक्शन के कारण भी गले में दर्द हो सकता है। साइनस असल में खोपड़ी में मौजूद हवा से भरी हुई छोटी-छोटी खाली जगहें होती हैं। जब इनमें बैक्टीरिया, वायरस या फंगस का संक्रमण हो जाता है, तो नाक से लगातार पानी बहने लगता है। यह बलगम धीरे-धीरे गले के पिछले हिस्से में चला जाता है, जिससे गले में दर्द और खराश महसूस होती है।
एलर्जी के कारण भी होती है दिक्कत
अगर आपको धूल-मिट्टी, फफूंद या जानवरों की रूसी (डैंड्रफ) से एलर्जी है, तो यह गले में दर्द का कारण बन सकता है। जब एलर्जी होती है, तो नाक से पानी टपकता रहता है, जिससे गले में सूजन और खराश हो जाती है। कुछ लोगों को इससे खुजली और लगातार गले में जलन भी महसूस होती है।
एसिड रिफ्लक्स – पेट का एसिड गले तक पहुंचने से होती है जलन
एसिड रिफ्लक्स यानी पेट में बनने वाला एसिड जब ऊपर की तरफ आ जाता है, तो यह गले के पिछले हिस्से में जलन पैदा करता है। कई बार यह एसिड रात में सोते समय गले तक पहुंच जाता है, जिससे सुबह उठते ही गले में दर्द और खराश महसूस होती है। यह समस्या ज्यादातर उन लोगों को होती है, जो ज्यादा तला-भुना या मिर्च-मसाले वाला खाना खाते हैं।
टीबी भी कर सकता है गले को संक्रमित
अक्सर टीबी को सिर्फ फेफड़ों की बीमारी माना जाता है, लेकिन यह गले के लिंफ नोड्स तक भी फैल सकती है। गले में टीबी होने पर लगातार दर्द, सूजन और खराश बनी रहती है। यह समस्या अगर ज्यादा दिनों तक रहे, तो डॉक्टर से तुरंत जांच करानी चाहिए, क्योंकि यह एक गंभीर बीमारी हो सकती है।