एक बार फिर कोरोना ने अपना तांड़व दिखाना शुरू कर दिया है। देश में दिन पर दिन कोरोना के केस बढ़ते जा रहे है। हालांकि इस बार केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह तैयार हैं। वहीं केंद्र सरकार ने तीसरी लहर की आशंका के बीच इससे निपटने के लिए उपायों की समीक्षा की और नए दिशा-निर्देश जारी किए। फिलहाल केंद्र की नजर कोरोना संक्रमणों की दर की तीव्रता और जीनोम सिक्वेंसिंग के नतीजों पर है। इसलिए अभी कड़े प्रतिबंध लागू होने की संभावना नहीं है। यह देखा जाएगा कि संक्रमणों की गुणात्मक बढ़ोत्तरी तो नहीं हो रही। यदि ऐसा रूझान दिखा तो समय के अनुसार प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
संक्रमितों की संख्या में इजाफा होना लाजमी
वहीं विशेषज्ञों का कहाना है कि सावधानी बरतनी जरूरी है। हालांकि अभी डरने की कोई बात नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार रोज टेस्ट बढ़ने के साथ संक्रमितों की संख्या में इजाफा होना लाजमी है। लेकिन महत्वपूर्ण ये है कि यह बढ़ोत्तरी गुणात्मक रूप में तो नहीं हो रही। यानी हर रोज संक्रमितों की संख्या में दोगुना या इससे ज्यादा इजाफा तो नहीं हो रहा। क्योंकि कोरोना की पिछली लहरों में संक्रमण इसी तेजी से बढ़ा और डेढ़ महीने में ही वह लाखों में पहुंच गया।
संक्रमण दर 0.15 फीसदी से नीचे
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अभी देश में औसतन सवा लाख टेस्ट हो रहे हैं। रोजाना मिलने वाले संक्रमितों की संख्या 200 से भी कम है। यानी संक्रमण दर 0.15 फीसदी या इससे भी नीचे है। इस लिए अभी घबराने की कोई बात नहीं है। इसलिए अभी जो उपाय किए जा रहे है, वह चीन या अन्य देशों में बढ़ते मामलों को देखते हुए कोरोना प्रबंधन को सक्रिया करने के लिए हो रहे हैं। पिछले दो सालों में कोरोना महामारी के दौरान भारत ने इस तंत्र को बेहद मजबूत किया है। जिसमें निगरानी, जीनोम सिक्वेंसिंग, अस्पतालों में लाइफ सपोर्ट सिस्टम और ऑक्सीजन की उपलब्धता आदि शामिल है।
नया वेरिएंट जन्म लेता है तो फिर
फिलहाल कोशिश की जा रही है कि ज्यादातर मामलों की जनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। ताकि समय रहते कोरोना के नए वेरिएंट का पता लग सके। अल्फा, डेल्टा व औमिक्रोन वेरिएंट के खिलाफ भारतीयों में प्रतिकरोधक क्षमता आ चुकी है। यहां तक कि अभी चीन में कहर फैला रहे ओमिक्रोन के बीएफ-7 सब वेरिएंट से भी खतरा नहीं है। लेकिन अगर इनसे ज्यादा संक्रामक नया वेरिएंट जन्म लेता है तो फिर खतरा बढ़ सकता है।