Early signs of Arthritis गठिया यानी अर्थराइटिस, एक ऐसी बीमारी है जो जोड़ों को धीरे-धीरे खराब कर देती है। इस बीमारी से भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में करोड़ों लोग परेशान हैं। खास बात ये है कि यह बीमारी लाइलाज मानी जाती है, लेकिन अगर समय रहते इसके लक्षण पहचान लिए जाएं, तो इसे कंट्रोल करना आसान हो सकता है।
शुरुआती संकेत कई साल पहले मिलने लगते हैं,ड्यूक यूनिवर्सिटी की एक हालिया रिसर्च में चौंकाने वाली बात सामने आई है। वैज्ञानिकों ने बताया कि गठिया के लक्षण इसके पूरी तरह विकसित होने के 3 साल पहले ही नजर आने लगते हैं। इस अध्ययन में 200 महिलाओं को शामिल किया गया था। जिन महिलाओं को बाद में गठिया हुआ, उनकी हड्डियों में बदलाव 8 साल पहले ही दिखने लगे थे। इस शोध से जुड़ी डॉक्टर वर्जीनिया, जो ड्यूक यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर हैं, कहती हैं कि “गठिया हमारे सोचने से कहीं पहले शरीर में असर दिखाना शुरू कर देता है।”
गठिया के शुरुआती लक्षण क्या हो सकते हैं?
अगर आपको उठते-बैठते वक्त घुटनों या जोड़ों में हल्का दर्द महसूस होता है, तो इसे हल्के में न लें। खासकर अगर ये दर्द रोज का हिस्सा बन गया है, तो ये गठिया की शुरुआत हो सकती है। इस तरह के लक्षणों को नजरअंदाज करना आपको बड़ी परेशानी में डाल सकता है।
भारत और दुनिया में कितने लोग हैं इससे पीड़ित?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 6.35 करोड़ लोग गठिया से जूझ रहे हैं। साल 1990 में ये आंकड़ा सिर्फ 2.5 करोड़ था। वहीं अमेरिका में हर चौथा व्यक्ति गठिया का मरीज है। पूरी दुनिया की बात करें तो 50 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी की गिरफ्त में हैं।
गठिया होने के कारण क्या हैं?
गठिया के बढ़ने की एक बड़ी वजह हमारी बिगड़ती जीवनशैली है। ज्यादा वजन, शारीरिक गतिविधियों की कमी और जोड़ों में लगी चोटें इसकी संभावना को बढ़ा देती हैं। इसके अलावा, यह बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है यानी अगर परिवार में किसी को है, तो आपकी भी रिस्क बढ़ जाती है। सबसे ज्यादा घुटने के गठिया के मरीज
गठिया के 100 से ज्यादा प्रकार होते हैं, लेकिन सबसे आम है घुटनों का गठिया। इसकी वजह से घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी के मामलों में भी तेजी आई है। सबसे ज्यादा लोग ऑस्टियोआर्थराइटिस से परेशान हैं।
महिलाएं ज्यादा होती हैं इस बीमारी का शिकार
इस बीमारी के मरीजों में से करीब 73% लोग 55 साल से ज्यादा उम्र के हैं। इनमें 60% महिलाएं हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस के अकेले दुनिया भर में 36.5 करोड़ मरीज हैं।इस रिसर्च के जरिए अब वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे हैं कि गठिया को पहले ही पकड़ने के लिए नई तकनीकें और इलाज के बेहतर रास्ते तैयार किए जा सकेंगे।