Foot Corn: पैरों में होने वाली मोटी गांठ को फुट कॉर्न कहा जाता है, जो चलने-फिरने में दर्द देती है। कुछ आसान घरेलू नुस्खों से इसे बिना दवा के कम किया जा सकता है।कई बार पैरों के तलवे या उंगलियों पर एक कठोर, मोटी सी परत बन जाती है, जिससे चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है। यही फुट कॉर्न कहलाता है। यह समस्या जूते के दबाव, रगड़ या लगातार खड़े रहने की वजह से हो सकती है। कई बार यह गांठ अपने आप ठीक हो जाती है, तो कभी फिर से उभर आती है। अगर समस्या बढ़ जाए तो डॉक्टर से सलाह ज़रूरी है, लेकिन कुछ घरेलू उपायों से भी इससे राहत मिल सकती है।
लहसुन लगाए: सूजन और दर्द से राहत
लहसुन में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण सूजन और दर्द को कम करते हैं। हफ्ते में दो-तीन बार लहसुन की एक कली छीलकर फुट कॉर्न वाली जगह पर रखें और किसी साफ कपड़े या पट्टी से बांध लें। कुछ दिनों में असर दिखने लगेगा।
अरंडी का तेल; स्किन को बनाए मुलायम
अरंडी का तेल यानी कैस्टर ऑयल में दर्द कम करने और त्वचा को मुलायम बनाने वाले तत्व पाए जाते हैं। पैरों को अच्छी तरह धोने के बाद, दिन में दो-तीन बार फुट कॉर्न पर अरंडी का तेल लगाएं। धीरे-धीरे त्वचा सॉफ्ट हो जाएगी और कॉर्न कम होने लगेगा।
सेंधा नमक और गुनगुना पानी: प्राकृतिक आराम
एक टब में गुनगुना पानी लें और उसमें दो-तीन चम्मच सेंधा नमक मिलाएं। अपने पैरों को उसमें 10–15 मिनट तक भिगोएं। यह न सिर्फ दर्द को कम करता है बल्कि सख्त त्वचा को भी नरम करता है। हफ्ते में दो बार ये तरीका अपनाना फायदेमंद रहेगा।
बेकिंग सोडा और नींबू का रस: स्किन को करें एक्सफोलिएट
गुनगुने पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा और कुछ बूंदें नींबू का रस मिलाएं। पैरों को इस पानी में 10 मिनट तक डुबोकर रखें। फिर पोंछकर नारियल तेल से मालिश करें। इससे डेड स्किन हटेगी और फुट कॉर्न भी धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा।
कब दिखाएं डॉक्टर को?
अगर घरेलू उपायों से भी दर्द कम न हो रहा हो या गांठ बढ़ रही हो, तो डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है। मेडिकल स्टोर में फुट कॉर्न के लिए खास बैंडेज और क्रीम्स भी मिलती हैं, जो जल्दी राहत देती हैं।
फुट कॉर्न एक आम लेकिन तकलीफदेह समस्या है, जिसे समय रहते पहचानकर घरेलू नुस्खों से ठीक किया जा सकता है। साफ-सफाई, आरामदायक जूते और थोड़ी देखभाल से इस परेशानी से राहत मिल सकती है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी घरेलू उपायों और सामान्य स्वास्थ्य सुझावों पर आधारित है। News1India इसकी मेडिकल पुष्टि नहीं करता। किसी गंभीर स्थिति में चिकित्सकीय सलाह अवश्य लें।