identify real vs fake watermelon गर्मियों के मौसम में तरबूज का सेवन करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह शरीर को ठंडक देता है, पानी की कमी को पूरा करता है और हाइड्रेट रखता है। लेकिन आजकल बाजार में ऐसे तरबूज भी मिल रहे हैं, जिनमें मिलावट की जा रही है। ऐसे मिलावटी तरबूज आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। इसलिए असली और ताजा तरबूज खरीदना बहुत जरूरी है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने भी इस पर चिंता जताई है और लोगों को नकली तरबूज से बचने की सलाह दी है। चलिए आपको बताते हैं कि कैसे आप असली और नकली तरबूज की पहचान कर सकते हैं।
FSSAI ने जारी किया अलर्ट
FSSAI यानी भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने कुछ समय पहले बताया कि बाजार में कुछ दुकानदार ऐसे तरबूज बेच रहे हैं जो पकाने या रंग गाढ़ा करने के लिए केमिकल या इंजेक्शन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये तरबूज बाहर से तो चमकदार और ताजे लगते हैं, लेकिन असल में सेहत के लिए हानिकारक होते हैं।
नकली तरबूज पहचानने के आसान तरीके
काटने के बाद रगड़ें रूई या टिश्यू पेपर,तरबूज को दो टुकड़ों में काट लें। अब रूई या टिश्यू पेपर को गोल करके उसके गूदे पर हल्के हाथों से रगड़ें। अगर रूई लाल हो जाए, तो इसका मतलब है कि तरबूज में रंग मिलाया गया है। अगर रूई का रंग ना बदले, तो समझिए तरबूज असली है।
वजन का रखें ध्यान,अगर तरबूज देखने में बड़ा है लेकिन वजन में हल्का है, तो इसे न खरीदें। ऐसे तरबूज अक्सर अंदर से सूखे होते हैं और स्वाद में भी फीके होते हैं।
सतह पर ध्यान दें,असली तरबूज की त्वचा पर हल्की पीली या क्रीम रंग की जगह होती है, जो जमीन से टच में रहने के कारण होती है। अगर तरबूज पूरी तरह एक जैसे रंग का है, तो वह पकाया गया हो सकता है।
आवाज से पहचानें,तरबूज को थपथपाने पर अगर ‘थप-थप’ जैसी गूंजदार आवाज आती है, तो वो पका और अच्छा होता है। अगर आवाज सुनी-सुनी लगे, तो समझिए वो ज्यादा पका हुआ या अंदर से खराब हो सकता है।
सेहत के लिए जरूरी है सही चुनाव
गर्मियों में तरबूज खाना बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन अगर आप नकली या केमिकल वाले तरबूज खा लेते हैं, तो इससे पेट दर्द, उल्टी या फूड प्वाइजनिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि तरबूज खरीदते वक्त थोड़ा सतर्क रहें और ऊपर बताए गए तरीकों की मदद से उसकी पहचान करें।