Microplastics: आजकल हमारे आसपास की हवा, खाने-पीने की चीज़ों और पानी में माइक्रोप्लास्टिक के छोटे-छोटे कण मिल रहे हैं। ये नज़रों से दिखाई नहीं देते, लेकिन शरीर में जमा होकर धीरे-धीरे बीमारियों को जन्म दे सकते हैं।
क्या है समाधान?
अमेरिका के मशहूर डॉक्टर डेबेएस कहते हैं, “शरीर से माइक्रोप्लास्टिक निकालने के लिए दवा या ऑपरेशन नहीं, बल्कि कुछ नेचुरल तरीके अपनाए जा सकते हैं। ये आदतें और खानपान शरीर को खुद-ब-खुद डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।”
नेचुरल तरीके जो करेंगे माइक्रोप्लास्टिक साफ
फाइबर वाली डाइट: शरीर की ‘झाड़ू’
फाइबर युक्त चीज़ें जैसे सब्जियाँ, फल, दालें, और ओट्स खाएँ। ये पेट की सफाई करके माइक्रोप्लास्टिक को बाहर निकालने में मदद करते हैं। डॉक्टर कहते हैं, “फाइबर शरीर के लिए ब्रश की तरह काम करता है।”
पसीना बहाएं: एक्सरसाइज और सॉना बाथ
रोज़ाना 30 मिनट वॉक, योग, या डांस करें। पसीना निकलने से त्वचा के रोमछिद्र खुलते हैं और टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। सप्ताह में 1-2 बार सॉना लेना भी फायदेमंद है।
एंटीऑक्सीडेंट्स: शरीर के ‘क्लीनर’
हल्दी, अदरक, बेरीज, और ग्रीन टी जैसी चीज़ें खाएँ। ये एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में जमा जहरीले कणों को बेअसर कर देते हैं। डॉक्टर कहते हैं, “ये नैचुरल क्लीनर की तरह काम करते हैं।”
लीवर की सफाई: शरीर का ‘फिल्टर‘
लीवर हमारे शरीर का फिल्टर सिस्टम है। उसे मजबूत रखने के लिए नींबू पानी, चुकंदर, और हल्दी वाला दूध पिएँ। डॉक्टर के मुताबिक, “लीवर स्वस्थ रहेगा तो टॉक्सिन्स अपने-आप बाहर निकल जाएँगे।”
याद रखने वाली बातें:
प्लास्टिक के बर्तनों में गर्म खाना न रखें।
फिल्टर्ड पानी पिएँ और मिनरल वाटर की बोतलों से बचें।
ऑर्गेनिक फल-सब्जियाँ खाएँ ताकि कीटनाशकों से बच सकें।
माइक्रोप्लास्टिक से बचाव के लिए फाइबर युक्त आहार, नियमित एक्सरसाइज, एंटीऑक्सीडेंट्स और लीवर की देखभाल जरूरी है। ये उपाय शरीर को प्राकृतिक तरीके से डिटॉक्स करके लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
इन आदतों को अपनाने में समय लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे शुरू करें। छोटे-छोटे बदलाव भी बड़े फर्क ला सकते हैं।