Protect Children from COVID-19 : कोरोना वायरस (COVID-19) के केस एक बार फिर दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में भी 26 मई तक कोविड के 1010 एक्टिव केस सामने आ चुके हैं। ऐसे में बच्चों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी हो गया है। क्योंकि स्कूल जाने, खेलने या बाहर घूमने के दौरान बच्चों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है।
बच्चों को संक्रमण से कैसे बचाएं?
सी.के. बिरला हॉस्पिटल, दिल्ली के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विकास मित्तल बताते हैं कि बच्चों में भले ही कोविड गंभीर रूप न ले, लेकिन फिर भी जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि वे संक्रमण से बचे रहें।
आइए जानते हैं कुछ जरूरी टिप्स
सफाई का ध्यान रखें
बच्चों को बार-बार हाथ धोने की आदत डालें, खासकर खाने से पहले और बाहर से लौटने के बाद। बाहर खेलने या स्कूल में, जहां हाथ धोना संभव न हो, वहां हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना सिखाएं। साथ ही, बच्चों को बार-बार चेहरा छूने से रोकें और उन्हें दूसरों से दूरी बनाए रखने की सलाह दें।
मास्क पहनना न भूलें
बच्चों को भीड़-भाड़ वाली जगहों जैसे बाजार, स्कूल या पार्क में मास्क पहनकर ही भेजें। अगर बच्चे को खांसी या जुकाम है, तो उसे रुमाल या टिश्यू से मुंह ढककर ही छींकने की आदत डालें। इससे न सिर्फ वे सुरक्षित रहेंगे, बल्कि दूसरों को भी संक्रमित नहीं करेंगे।
टीकाकरण जरूर करवाएं
अगर आपके बच्चे की उम्र टीकाकरण के लिए उपयुक्त है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर कोविड वैक्सीन जरूर लगवाएं। वैक्सीन से बच्चे को संक्रमण से लड़ने की ताकत मिलती है। डॉक्टर से समय-समय पर सलाह लें कि आपके बच्चे के लिए कौन-सी वैक्सीन और कब जरूरी है।
लक्षणों पर नजर रखें
अगर आपके बच्चे को बुखार, खांसी, गले में खराश या थकान जैसी कोई भी शिकायत हो, तो उसे स्कूल या डेकेयर न भेजें। डॉक्टर को दिखाएं और जरूरत हो तो कोविड टेस्ट करवाएं। लक्षणों की अनदेखी ना करें।
अच्छी लाइफस्टाइल जरूरी
बच्चों की इम्युनिटी मजबूत रहे इसके लिए यह जरूरी है कि वे पूरा आराम करें, समय पर हेल्दी खाना खाएं और रोजाना कुछ एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी करें। नींद पूरी होना भी बेहद जरूरी है।
इन आसान उपायों को अपनाकर आप अपने बच्चों को कोविड-19 के खतरे से बचा सकते हैं। थोड़ी सी सतर्कता और समय पर देखभाल उन्हें सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है।
Disclaimer: यहां बताई गई जानकारी सूचना मात्र है संक्रमण का कोई भी लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपने विवेक का इस्तेमाल करें