Health Tips: साउथ इंडिया में चावल एक मुख्य भोजन के रूप में है, और यहाँ के लोग चावल बेहद पसंद करते है और अपने हर खाने में शामिल करते है।फिर भी उनका वजन नहीं बढ़ता है। इसके पीछे का राज उनके चावल पकाने का तरीका है । दरअसल, साउथ इंडियन लोग चावल को उबालकर, स्टीम करके या फिर उसके पारंपरिक पकाने के तरीकों का अपनाते हैं, जिससे उसमें अधिक पोषण और कम कैलोरी होती है।और उसके साथ कई सारे न्यूट्रिशंस जैसे नारियल की चटनी सांभर और कई तरह की हरी सब्जियों का इस्तेमाल करते है।
साउथ इंडियन चावल पकाने का तरीका
साउथ इंडियन लोग उबाल कर या स्टीम कर के पकाते है। जो इसे कम कैलोरी वाला और पोषण से भरपूर बनाता है
चावल का सही चयन
साउथ इंडिया में ज्यादातर लोग ब्राउन राइस या बगैर पोलिश चावल इस्तेमाल करते है। ब्राउन राइस फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होता है, जो शरीर को अधिक समय तक ऊर्जा प्रदान करता है और भूख को कंट्रोल में रखता है।
स्टीम किए हुए चावल
चावल को उबालने या स्टीम करने से उसकी कैलोरी कम हो जाती है, क्योंकि इसमें कम तेल और मसाले इस्तेमाल होते हैं। स्टीमिंग से चावल का पोषण अधिक बचा रहता है और अतिरिक्त वसा का संचय भी नहीं होता।
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कम तेल में पकाना
साउथ इंडियन भोजन में तेल का इस्तेमाल सीमित होता है। वे सादा, ताजा और हल्का भोजन पसंद करते हैं, जिसमें चावल को कम तेल में पकाया जाता है, जिससे वसा की मात्रा कम रहती है।
साइड डिश का महत्व
चावल के साथ ताजे और हल्के साइड डिश जैसे सादा सांभर, नारियल की चटनी, या उबली हुई सब्जियाँ खाई जाती हैं। यह भोजन को पौष्टिक बनाता है और शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का संतुलन बनाए रखता है।
क्यों नहीं बढ़ता वजन
साउथ इंडियन डाइट में चावल के अलावा बहुत सारी ताजगी से भरपूर सब्जियाँ और दालें शामिल होती हैं। इनमें फाइबर की अधिकता होती है, जो पेट को भरा रखता है और अधिक खाने से रोकता है।