Who should avoid sweet potatoes : शकरकंद, जिसे स्वीट पोटैटो भी कहा जाता है, सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसमें विटामिन, मिनरल्स और फाइबर होते हैं, जो शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, पाचन में सुधार करता है और त्वचा को भी स्वस्थ रखता है। हालांकि, यह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है। कुछ लोग हैं जिनके लिए शकरकंद का सेवन ठीक नहीं हो सकता। आइए जानते हैं उन लोगों के बारे में जिन्हें शकरकंद से बचना चाहिए या इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए।
डायबिटीज के मरीज
शकरकंद में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा अधिक होती है, जो ब्लड शुगर को बढ़ा सकती है। हालांकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) आलू से कम होता है, फिर भी डायबिटीज के मरीजों को इसे बहुत कम मात्रा में खाना चाहिए। यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो शकरकंद का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें और इसे छोटे हिस्सों में खाएं।
किडनी की बीमारी वाले लोग
शकरकंद में ऑक्सलेट्स (oxalates) की अधिक मात्रा होती है, जो किडनी में पथरी (kidney stones) का कारण बन सकती है। इसके साथ ही, किडनी की बीमारी से ग्रस्त लोगों का शरीर पोटेशियम को सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाता। शकरकंद में पोटेशियम होता है, जो किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। यदि आपको किडनी की समस्या है, तो शकरकंद से परहेज करना बेहतर रहेगा। किडनी मरीजों को आहार से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
कमजोर पाचन वाले लोग
शकरकंद में फाइबर होता है, जो पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। लेकिन यदि किसी को पहले से गैस, सूजन या अपच जैसी समस्याएं हैं, तो शकरकंद का अधिक सेवन पाचन तंत्र को और बिगाड़ सकता है। ऐसे में, अगर आपका पाचन कमजोर है, तो शकरकंद को धीरे-धीरे और कम मात्रा में खाना चाहिए। ज्यादा खाने से पेट में दर्द, ऐंठन या कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए इसे सावधानी से खाएं।
मोटापे वाले लोग
शकरकंद में कैलोरी की अधिक मात्रा होती है, जो अधिक सेवन करने पर वजन बढ़ा सकती है। हालांकि यह हेल्दी और पौष्टिक होता है, लेकिन अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो इसे सीमित मात्रा में ही खाएं। इसे संतुलित आहार का हिस्सा बनाएं और ज्यादा न खाकर वजन घटाने के अपने लक्ष्य को प्रभावित न होने दें।
हाइपरथायरायडिज्म वाले लोग
हाइपरथायरायडिज्म में थायरॉयड ग्रंथि अत्यधिक हार्मोन का उत्पादन करती है, जिससे शरीर की अन्य क्रियाएं प्रभावित हो सकती हैं। शकरकंद में एंटी-थायरॉयड गुण होते हैं, जो थायरॉयड की गतिविधि को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, हाइपरथायरायडिज्म के रोगियों को शकरकंद का सेवन बहुत ध्यानपूर्वक करना चाहिए। इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।
इन समस्याओं से प्रभावित लोगों को इसे खाने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए ताकि कोई स्वास्थ्य समस्या न हो।