नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। 22 गज की पिच पर भारत की छोरियां ने गजब का खेल दिखाया। हिन्दुस्तान की बेटियां क्रिकेट के मैदान पर शेरनी की तरह दहाड़ीं। पहले गेंद से कहर बरपाया। फील्डिंग में चीते की तरह छलांग लगाई। जब मौका बैटिंग का आया तो जेमिमा रॉड्रिग्ज और हरमनप्रीत कौर रानी लक्ष्मीबाई बन गई। तलबार की तरह दोनोंने बल्ले से ऐसी गदर काटी की आस्ट्रेलिया टीम के अरमान धराशाही हो गई। दोनों दिलेर लेडी क्रिकेटर्स ने रनों के पहाड़ को अपने हौसले के आगे बौना करते हुए भारत को सेमीफाइनल में जीत दिलाकर वनडे वर्ल्डकप के फाइनल का टिकट कटवा दिया।
भारत की धरती पर महिला वनडे वर्ल्डकप खेला जा रहा है। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच सेमीफाइनल मैच खेला गया। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.5 ओवर 338 रन बनाए थे। जवाब में भारत के लिए जेमिमा ने शतक लगाया और कप्तान हरमनप्रीत के साथ तीसरे विकेट के लिए 167 रनों की साझेदारी की जिससे भारत ने 48.3 ओवर में पांच विकेट पर 341 रन बनाकर मैच अपने नाम किया। भारतीय टीम तीसरी बार वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंची है। टीम इससे पहले 2005 और 2017 में भी खिताबी मैच में पहुंची थी। भारत ने अब तक कभी विश्व कप की ट्रॉफी नहीं जीती है और अब उसके पास खिताबी सूखा समाप्त करने का अच्छा मौका है।
इस मैच की हीरो रहीं जेमिमा रहीं, जिन्होंने 134 गेंदों पर 14 चौकों की मदद से 127 रन बनाकर नाबाद रहीं, जबकि हरमनप्रीत ने 88 गेंदों पर 10 चौकों और दो छक्कों की मदद से 89 रन बनाए। महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में अब भारत की भिड़ंत साउथ अफ्रीका से होगी। दोनों टीमों के बीच फाइनल मुकाबला 2 नवंबर को डीवाई पाटिल स्टेडियम में ही खेला जाएगा। महिला टीम की इस जीत पर पूरे देश में जश्न का माहौल है। अक्टूबर में दूसरी बार दीपावली मनाई गई। आतिशबाजी से पूरा देश सराबोर हो गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत की जीत पर महिला खिलाड़ियों को बधाई दी है। भारत की इस जीत पर टीम इंडिया के खिलाड़ी भी गदगद हैं और सोशल मीडिया पर बधाई दे रहे हैं।
ये तो हुई भारत की जीत की बात। अब हम आपको बजाते हैं भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स के बारे में। 5 सितंबर 2000 को मुंबई में जन्मी जेमिमा ने महज 17 साल की उम्र में 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डेब्यू किया था। उन्हें तब टीम की ’बेबी’ कहा जाता था। समय के साथ वही बेबी अब टीम इंडिया के रीढ़ बन चुकी हैं। बीच में उन्हें टीम से बाहर भी किया गया, पर उन्होंने 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स और 2024 में वापसी के साथ साबित कर दिया कि वह लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट का हिस्सा रहेंगी.। जेमिमा अपने करियर की सफलता का श्रेय इंग्लैंड की किआ सुपर लीग को देती हैं। यह उनकी पहली विदेशी टी20 लीग थी, जहां उन्होंने 57.28 की औसत और 149.62 के स्ट्राइक रेट से 401 रन बनाए।
2023 टी20 विश्व कप के बाद जेमिमा को टीम से बाहर कर दिया गया था। वह इसे अपने करियर का सबसे कठिन समय मानती हैं. लेकिन हार न मानते हुए उन्होंने लगातार मेहनत की और 2024 में शानदार वापसी की। यही नहीं उन्होंने वन डे वर्ल्ड कप में भी अपनी धाक जमा डाली। जेमिमा सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि लाखों युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं। मैदान पर उनकी मुस्कान, आत्मविश्वास और जुझारूपन बताता है कि संघर्ष चाहे कितना भी बड़ा हो हिम्मत और मेहनत से हर सपना साकार किया जा सकता है। जेमिमा ने जिस तरह से आस्ट्रेलिया के खिलाफ बल्लेबाजी की, उसे देख फैंस गदगद हैं।








