Indian Cities That May Disappear Underwater :जलवायु परिवर्तन अब सिर्फ चर्चा का विषय नहीं रह गया है, बल्कि यह धरती और इंसान दोनों के लिए सबसे बड़ा संकट बन चुका है। इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) और नासा (NASA) की हाल की रिपोर्टों में कहा गया है कि अगर समुद्र के बढ़ते जलस्तर और ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए अभी कदम नहीं उठाए गए, तो 2100 तक दुनिया के कई बड़े शहर पानी में डूब सकते हैं। इनमें भारत के कई प्रमुख शहर भी शामिल हैं।
समुद्र किनारे बसे ये शहर आज अपनी संस्कृति, इतिहास और रोज़गार के लिए मशहूर हैं, लेकिन आने वाले समय में ये डूबने की कगार पर खड़े हो सकते हैं। आइए जानते हैं उन भारतीय शहरों के बारे में जिन्हें सदी के अंत तक सबसे ज्यादा खतरा है।
चेन्नई (Chennai)
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई कला और संस्कृति का अहम केंद्र है। नासा की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2100 तक चेन्नई का बड़ा इलाका करीब 1.87 फीट पानी में डूब सकता है। अगर ऐसा हुआ तो शहर का नक्शा और जीवनशैली पूरी तरह बदल जाएगी।
मुंबई (Mumbai)
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई का भविष्य सबसे ज्यादा चिंताजनक है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सदी के अंत तक मुंबई का आधा से ज्यादा हिस्सा समुद्र में समा सकता है। अरब सागर के किनारे बसा यह शहर जलस्तर बढ़ने से सबसे बड़ा खतरा झेल सकता है।
विशाखापट्टनम (Visakhapatnam)
आंध्र प्रदेश का खूबसूरत तटीय शहर “विज़ाग” भी खतरे में है। रिपोर्ट्स कहती हैं कि यहां का बड़ा हिस्सा करीब 1.77 फीट तक पानी में डूब सकता है। यह शहर बंदरगाह और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन आने वाले समय में इसकी पहचान खतरे में पड़ सकती है।
भावनगर (Bhavnagar)
गुजरात का ऐतिहासिक शहर भावनगर भी खतरे की जद में है। अनुमान है कि 2100 तक यहां 2.70 फीट तक पानी भर सकता है। इसका सीधा असर शहर की पुरानी धरोहर और सांस्कृतिक विरासत पर पड़ेगा।
कोच्चि (Cochin)
केरल का प्रमुख शहर कोच्चि, जिसे “अरब सागर की रानी” कहा जाता है, भी गंभीर खतरे में है। नासा की रिपोर्ट बताती है कि 2100 तक यहां 2.32 फीट तक पानी बढ़ सकता है। हिमालय की बर्फ पिघलने और समुद्र के बढ़ते स्तर को इसकी वजह माना जा रहा है।
मंगलुरु (Mangaluru)
कर्नाटक का तटीय शहर मंगलुरु अपनी खास संस्कृति और शांत जीवनशैली के लिए जाना जाता है। लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, यह भी 2100 तक करीब 1.87 फीट पानी में समा सकता है।
पारादीप, ओडिशा
ओडिशा का बड़ा बंदरगाह शहर पारादीप भी खतरे में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह करीब 1.93 फीट तक डूब सकता है। अगर ऐसा हुआ तो यहां रहने वाले लोगों की रोज़ी-रोटी और जीवन दोनों प्रभावित होंगे।
तूतीकोरिन (Tuticorin)
दक्षिण भारत का व्यापारिक बंदरगाह तूतीकोरिन भी खतरे में है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि 2100 तक इसका बड़ा हिस्सा करीब 1.9 फीट तक पानी में जा सकता है।
क्या है कोई इसका समाधान
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते टिकाऊ विकास, प्रदूषण पर नियंत्रण और नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल नहीं बढ़ाया गया, तो समुद्र किनारे बसे ये शहर हमेशा के लिए नक्शे से गायब हो सकते हैं। इसलिए सरकार और जनता, दोनों को मिलकर इस संकट से निपटने के लिए कदम उठाने होंगे।