समान नागरिक संहिता की उत्तराखंड में पहल, होंगे कई कानूनी बदलाव

आज उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की जाएगी। आइए समझते हैं कि यह कानून इतना महत्वपूर्ण क्यों है और इसके लागू होने के बाद क्या-क्या बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

Uniform Civil Code : उत्तराखंड सरकार आज, सोमवार को समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की तैयारी में है। हालांकि गोवा में UCC पहले से लागू है, लेकिन आजादी के बाद इसे अपनाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा। इसके लागू होने से उत्तराखंड में कौन-कौन से बड़े बदलाव हो सकते हैं।

समान नागरिक संहिता (UCC) अभी तक देश के कानून का हिस्सा नहीं बनी है, लेकिन संविधान के चौथे भाग में इसका उल्लेख मौजूद है। राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) के अनुच्छेद 44 में UCC को लागू करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि, यह कानूनन बाध्यकारी नहीं है। इसी वजह से देश में इसे कानूनी रूप देने की मांग समय-समय पर उठती रही है।

उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर UCC लागू करना आसान नहीं है, क्योंकि इसे लेकर कई बार विरोध हो चुका है। लेकिन उत्तराखंड ने राज्य स्तर पर इस पहल को आगे बढ़ाने का साहस दिखाया है। 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में UCC लागू करने का वादा किया था, जिसे अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पूरा किया जा रहा है।

समान नागरिक संहिता (UCC) क्या है?

UCC का उद्देश्य सभी नागरिकों को समान अधिकार देना है, चाहे उनकी जाति, धर्म, लिंग या अन्य कोई पहचान हो। यह कानून भेदभाव को खत्म करते हुए शादी, तलाक, उत्तराधिकार, संपत्ति विवाद और अन्य नागरिक मामलों को एक समान कानून के दायरे में लाने की बात करता है।

UCC लागू होने से उत्तराखंड में क्या बदल सकता है?

समान नागरिक संहिता के लागू होने के बाद उत्तराखंड में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में:

1. शादी और तलाक से जुड़े नियमों में बदलाव

  • लड़कों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़कियों की 18 साल निर्धारित होगी।
  • शादी के 60 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

2. गोद लेने के अधिकार

  • सभी धर्मों के लोग बच्चों को गोद ले सकेंगे।
  • हालांकि, एक धर्म का व्यक्ति दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं ले सकेगा।

3. बहुविवाह और हलाला की समाप्ति

  • हलाला और बहुविवाह जैसी प्रथाओं को समाप्त किया जाएगा।
  • शादीशुदा पुरुष और महिलाएं बराबरी के अधिकार पाएंगे।

4. लिव-इन रिलेशनशिप के लिए प्रावधान

  • लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
  • बिना शादी के जन्मे बच्चों को शादीशुदा कपल्स के बच्चों के समान अधिकार मिलेंगे।

5. संपत्ति और उत्तराधिकार के नियम

  • संपत्ति, विरासत और उत्तराधिकार के विवादों का निपटारा एक समान कानून के तहत किया जाएगा।
  • महिलाओं और पुरुषों को संपत्ति में समान हिस्सेदारी मिलेगी।

6. अन्य राज्यों के निवासियों पर भी लागू

  • यह कानून उत्तराखंड के निवासियों के अलावा, राज्य में बसे अन्य राज्यों के नागरिकों पर भी लागू होगा।
  • हालांकि, अनुसूचित जनजातियों और संरक्षित समुदायों को इससे छूट दी जाएगी।

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संविधान में UCC का है उल्लेख

संविधान के नीति निदेशक तत्व (DPSP) के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता लागू करने का उल्लेख है। हालांकि, यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है। इसीलिए इसे लेकर लंबे समय से बहस चल रही है। अब उत्तराखंड इसे लागू कर उदाहरण पेश कर रहा है।

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