आईएनएस इंफाल नौसेना में शामिल, समंदर में भारत का नया पहरेदार

INS Imphal joins the Navy, India's आईएनएस इंफाल नौसेना में शामिल, समंदर में भारत का नया पहरेदारnew patrolman in the sea

भारतीय नौसेना ने मंगलवार को लेटेस्ट स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर इंफाल को सेना में कमीशन किया. भारत के उत्तर पूर्व में  एक शहर के नाम पर  इसका नाम रखा गया है. इसका निर्माण एक मिसाइल डिस्ट्रॉयर के तौर पर किया गया है.इसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में मंगलवार को नौसेना में शामिल किया गया.

सतह से सतह और हवा दोनों में मार करने में सक्षम

163 मीटर की लंबाई, 7,400 टन वजन और 75 प्रतिशत स्वदेशी मटीरियल से बनी इंफाल भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली वॉरशिप में से है. बताया जा रहा है कि यह समुद्र में 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है. यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और सेंसर से लैस है.

कई सारी कंपनियो के निर्माण में योगदान

रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि आईएनएस इम्फाल बनाने में कई बड़ी कंपनियों ने काम किया है. इनमें बीईएल, एलएंडटी, गोदरेज, मरीन इलेक्ट्रिकल, ब्रह्मोस, टेक्निको, किनेको, जीत एंड जीत, सुषमा मरीन, टेक्नो प्रोसेस आदि जैसे एमएसएमई ने शक्तिशाली इम्फाल के निर्माण में योगदान दिया है.

स्वदेशी तकनीक से लैस है इंफाल वॉरशिप

इम्फाशल वॉरशिप में प्रमुख स्वदेशी हथियारों में स्वदेशी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, टॉरपीडो ट्यूब, पनडुब्बी रोधी रॉकेट लॉन्चर, सुपर रैपिड गन माउंट के अलावा लड़ाकू प्रबंधन प्रणाली, एकीकृत प्लेटफार्म प्रबंधन प्रणाली, स्वचालित पावर प्रबंधन प्रणाली, फोल्डेबल हैंगर डोर, हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम, क्लोज-इन वेपन सिस्टम और झुके हुए माउंटेड सोनार आदि शामिल किए गए हैं.

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