Afghanistan Earthquake : अफगानिस्तान में बड़ी तबाही,6.0 तीव्रता के भूकंप से हज़ारों की मौत, 1500 से ज्यादा घायल

अफगानिस्तान में 6.0 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। हजारों लोगों की मौत और 1500 से ज्यादा घायल हुए हैं। तालिबान ने बचाव अभियान शुरू किया है और अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की है।

Afghanistan Earthquake: तालिबान शासित अफगानिस्तान सोमवार को आए भीषण भूकंप से दहल गया। इस हादसे में अब तक 1052 लोगों की मौत हो चुकी है और 1500 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी साझा की। जानकारी के अनुसार, रविवार देर रात पूर्वी अफगानिस्तान में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र जलालाबाद से लगभग 27 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में नांगरहार प्रांत में था। भूकंप की गहराई केवल 8 किलोमीटर मापी गई।

कुनार और आसपास के इलाकों में सबसे ज्यादा नुकसान

भूकंप के सबसे तेज झटके कुनार प्रांत में महसूस किए गए, जहां कई गांव पूरी तरह तबाह हो गए। सड़कों पर मलबा जमा हो गया और दर्जनों घर जमींदोज हो गए। कुनार जिले के नूर गुल, सोकी, वटपुर, मनोगी और चापदारे इलाकों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, सिर्फ कुनार गांव में ही 20 लोगों की मौत और 35 के घायल होने की पुष्टि हुई है। वहीं, लघमन और नांगरहार प्रांतों में भी कई लोग घायल हुए, जिससे मरने वालों और घायलों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

तालिबान ने शुरू किया बचाव अभियान

अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि प्रभावित इलाकों में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। तालिबान प्रशासन ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया है। काबुल और पड़ोसी प्रांतों से राहत और मेडिकल टीमें मौके पर भेजी गई हैं। हालांकि, पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और अचानक बादल फटने की घटनाओं के कारण कई रास्ते बंद हो गए, जिससे बचाव कार्य धीमा पड़ गया है।

विदेशी मदद की अपील

तालिबान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगाई है। हालांकि अब तक किसी भी विदेशी सरकार से राहत या बचाव सामग्री नहीं पहुंची है। प्रभावित इलाकों में ज्यादातर घर मिट्टी और पत्थरों से बने थे, जो झटकों से पूरी तरह ढह गए। स्थानीय प्रशासन और ग्रामीण मिलकर मलबा हटाने और फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

हालात बेहद गंभीर

कई जगहों पर अभी भी लोग मलबे में दबे हुए हैं और मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। अस्पतालों में घायलों की भीड़ बढ़ती जा रही है। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को लगातार काम करना पड़ रहा है। वहीं, आम लोगों से भी सुरक्षित स्थानों पर रहने और सतर्क रहने की अपील की गई है।

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