Anita Anand Take Gita oath: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी द्वारा Anita Anand को विदेश मंत्री बनाए जाने के साथ ही एक नया और प्रभावशाली अध्याय शुरू हुआ है। अनीता आनंद ने गीता पर हाथ रखकर पद और गोपनीयता की शपथ ली और अपने कार्यकाल के दौरान एक बेहतर और सुरक्षित दुनिया बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। भारतीय मूल की अनीता ने न केवल अपने देश में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महिला सशक्तिकरण का उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनके इस कदम से भारत-कनाडा संबंधों में नई ऊर्जा और दिशा की उम्मीद जताई जा रही है, जो दोनों देशों के लिए लाभकारी हो सकती है।
महिला सशक्तिकरण का प्रतीक: अनीता आनंद की यात्रा
Anita Anand का जीवन और उनका राजनीतिक सफर महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में उभर कर सामने आया है। वह पहली बार 2019 में ओकविल से सांसद चुनी गई थीं और बाद में उन्होंने ट्रूडो सरकार में परिवहन और व्यापार मंत्री के रूप में कार्य किया। 2021 से 2023 तक वह कनाडा की रक्षा मंत्री रहीं और 2023 से 2024 तक ट्रेजरी बोर्ड की अध्यक्ष भी बनीं। अब विदेश मंत्री बनने के साथ ही अनीता ने यह साबित किया कि महिलाएं न केवल घर की, बल्कि देश और दुनिया की भी सशक्त नेता बन सकती हैं।
उनकी कैबिनेट में शामिल होना यह दर्शाता है कि कनाडा में महिलाएं अब राजनीति और सत्ता में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। कार्नी के मंत्रिमंडल में आधी महिलाएं हैं, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि महिला नेतृत्व का समय अब आ चुका है।
I am honoured to be named Canada’s Minister of Foreign Affairs. I look forward to working with Prime Minister Mark Carney and our team to build a safer, fairer world and deliver for Canadians. pic.twitter.com/NpPqyah9k3
— Anita Anand (@AnitaAnandMP) May 13, 2025
भारत से गहरा संबंध और भविष्य की संभावनाएं
Anita Anand का भारत से गहरा संबंध है, जो उनके राजनीतिक कार्यों में भी दिखाई देता है। उनके पिता तमिलनाडु से और मां पंजाब से हैं, जिससे उनका भारत से मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव है। अनीता ने भारतीय प्रवासी दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर भारत के साथ अपने संबंधों को हमेशा प्रमुखता दी है। कनाडा की रक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने भारत और कनाडा के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने का काम किया था, जो अब विदेश मंत्री के रूप में और भी प्रगति कर सकता है।
भारत-कनाडा संबंधों में नई दिशा
अनीता आनंद का विदेश मंत्री बनना भारत और कनाडा के रिश्तों के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत हो सकता है। महिला सशक्तिकरण के रूप में उनके नेतृत्व का उदाहरण भारत के लिए प्रेरणास्त्रोत है, और उनके कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में और भी मजबूती आ सकती है। उनका दृष्टिकोण और नेतृत्व दोनों देशों के लिए सकारात्मक और भविष्य के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।