Athos Salomé Prediction on World War 3,‘लिविंग नास्त्रेदमस’ के नाम से मशहूर ब्राजील के 38 वर्षीय मनोवैज्ञानिक एथोस सालोमे ने तीसरे विश्व युद्ध को लेकर डराने वाली बात कही है। उनका मानना है कि दुनिया एक बड़े युद्ध के बहुत करीब पहुंच चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह युद्ध केवल हथियारों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें साइबर अटैक, आर्थिक दबाव और तोड़फोड़ जैसे हाइब्रिड तरीकों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
पहले भी कर चुके हैं सटीक भविष्यवाणियां
एथोस सालोमे का दावा है कि उन्होंने पहले ही कोरोना वायरस महामारी, महारानी एलिजाबेथ की मौत और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी घटनाओं की भविष्यवाणी कर दी थी। अब वो कह रहे हैं कि दुनियाभर में हाल में जो घटनाएं हो रही हैं, वो एक बहुत बड़ी और गंभीर स्थिति की तरफ इशारा कर रही हैं। उन्होंने सभी देशों से अपील की है कि वो इन संकेतों को नजरअंदाज न करें।
तोड़फोड़ की घटनाएं और खतरे का इशारा
सालोमे का मानना है कि जो घटनाएं अलग-अलग नजर आती हैं, वे असल में एक बड़ी योजना का हिस्सा हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि जनवरी में लातविया और स्वीडन के बीच समुद्र के नीचे बिछी इंटरनेट केबल को नुकसान पहुंचा था। स्वीडन ने इसे जानबूझकर की गई तोड़फोड़ बताया।
इसी तरह दिसंबर में फिनलैंड की पुलिस ने एक रूसी तेल टैंकर को पकड़ा था, जिस पर फिनलैंड और एस्टोनिया को जोड़ने वाली पावर लाइन और इंटरनेट केबल को नुकसान पहुंचाने का शक था। इन घटनाओं से साफ है कि तकनीकी और कनेक्टिविटी पर हो रहे हमले एक गंभीर खतरे की ओर इशारा करते हैं।
बाल्टिक सागर में चल रहा ‘अदृश्य युद्ध’
एथोस सालोमे का कहना है कि बाल्टिक सागर में एक तरह का छुपा हुआ युद्ध चल रहा है। 2023 में हुई केबल नेटवर्क फेल होने की घटना ने फिनलैंड में बड़ी परेशानी खड़ी कर दी थी। उन्होंने बताया कि NATO को अब इस क्षेत्र में अपनी सुरक्षा बढ़ानी पड़ी है और यूरोपीय यूनियन को भी इमरजेंसी प्लान बनाने पर मजबूर होना पड़ा है।
आधुनिक युद्ध के नए रूप,इंटरनेट पर अटैक
सालोमे का मानना है कि अगर समुद्र के नीचे बिछी इंटरनेट केबल को नुकसान होता है, तो न सिर्फ संचार ठप हो सकता है बल्कि सेना की ताकत और देश की अर्थव्यवस्था भी कमजोर हो सकती है। उन्होंने इसे डिजिटल ब्लैकआउट का खतरा बताया है, जो किसी मिसाइल हमले जितना खतरनाक हो सकता है।
इतिहास से सीख और चीन-अमेरिका के बीच तनाव
एथोस सालोमे ने कहा कि पहले के दोनों विश्व युद्ध भी छोटी-छोटी घटनाओं से ही शुरू हुए थे। अब भी कुछ वैसी ही स्थिति बन रही है। उन्होंने चीन और अमेरिका के बीच दक्षिण चीन सागर को लेकर बढ़ते तनाव पर भी चिंता जताई। उनके मुताबिक, यह टकराव भविष्य में और भी गंभीर हो सकता है।