बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा ने फिर से तीव्र रूप धारण कर लिया है। इंकलाब मंचा के वरिष्ठ छात्र नेता और आगामी चुनावों के स्वतंत्र उम्मीदवार शरीफ उस्मान हादी (32) की 12 दिसंबर को ढाका में गोली मारकर हत्या कर दी गई। सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान गुरुवार को उनकी मौत हो गई, जिसके बाद पूरे देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठे।
गोलीबारी की घटना और मौत
12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में मस्जिद से निकलते समय बाइक सवार मास्कधारी हमलावरों ने हादी के सिर में गोली मार दी। सीसीटीवी फुटेज में हमलावर रिक्शे के पास आकर नजदीक से फायरिंग करते दिखे। प्रारंभिक इलाज के बाद उन्हें सिंगापुर एयरलिफ्ट किया गया, जहां डॉक्टरों के बावजूद मौत हो गई। सिंगापुर विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की।
बांग्लादेश नर्क जैसा बने जाने की चेतावनी
हादी ने मरने से पहले अपनी हालत बयान में “नर्क जैसी” बताई थी। इंकलाब मंचा ने इसे पूर्व पीएम शेख हसीना समर्थकों और भारत-विरोधी ताकतों की साजिश बताया। हादी हसीना सरकार गिराने वाले छात्र आंदोलन के प्रमुख नेता थे और फरवरी 2026 चुनावों में ढाका-8 से उम्मीदवार थे। उनकी मौत ने लोकतंत्र पर हमले की आशंका जताई।
मौत के बाद हिंसक प्रदर्शन
हादी की मौत की खबर पर ढाका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। शाहबाग चौक पर ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगे। प्रोथम अलो और डेली स्टार अखबारों के कार्यालयों में आग लगा दी गई, जिसमें पत्रकार फंस गए। चट्टोग्राम में भारतीय उप उच्चायुक्त आवास पर पथराव हुआ। राजशाही में अवामी लीग कार्यालय ध्वस्त। मायमेनसिंह में हिंदू पुरुष की ईशनिंदा के आरोप में हत्या कर शव जला दिया।
अंतरिम सरकार की प्रतिक्रिया
मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने इसे “लोकतंत्र पर सुनियोजित हमला” बताया। राष्ट्रव्यापी शोक घोषित, जुमे की नमाज में दुआओं का ऐलान। 50 लाख टका इनाम रखा गया। पुलिस ने हमलावरों की पहचान की, भारत भागने का दावा किया जिससे कूटनीतिक तनाव बढ़ा। भारत ने बांग्लादेश दूत को तलब किया।
राजनीतिक संदर्भ और चुनौतियां
हादी हसीना-विरोधी थे और भारत-विरोधी बयानों के लिए चर्चित। यूनुस सरकार चुनावी हिंसा रोकने पर जोर दे रही, लेकिन BNP और अन्य दलों के बीच तनाव। मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई।
