China News: चीन के कॉलेजों में होगी अब ‘प्यार’ की पढ़ाई, जानें क्यों लिया गया फैसला?

चीन का यह कदम देश की घटती जनसंख्या और बढ़ती बुजुर्ग आबादी की समस्याओं से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यदि यह योजना सफल होती है, तो न केवल जनसंख्या दर को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि चीन में एक स्वस्थ और सकारात्मक पारिवारिक संरचना भी स्थापित हो सकती है।

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China love education: चीन में घटती जनसंख्या और बढ़ती उम्र की समस्या से निपटने के लिए एक अनोखा कदम उठाया गया है। देश ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ‘प्रेम की पढ़ाई’ शुरू करने का फैसला लिया है। इसके तहत छात्रों को शादी, प्यार, प्रजनन और परिवार की अहमियत को समझाने पर जोर दिया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य देश के युवाओं को शादी और बच्चों को बढ़ावा देना है, ताकि जनसंख्या की घटती दर को रोका जा सके। चलिए जानते हैं कि क्यों चीन को यह कदम उठाने की जरूरत पड़ी और इसका समाज पर क्या असर पड़ेगा।

चीन की जनसंख्या की स्थिति

China, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है, में पिछले कुछ वर्षों से जनसंख्या में लगातार गिरावट देखने को मिली है। 2023 में यह गिरावट दूसरी बार दर्ज की गई, और स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार, 2040 तक चीन में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या लगभग 28 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जिससे देश की आर्थिक और सामाजिक संरचना पर गहरा असर पड़ेगा। इसके साथ ही, बढ़ती बुजुर्ग आबादी के लिए पेंशन और सामाजिक सुरक्षा जैसे सवाल भी खड़े हो गए हैं।

प्रोत्साहित करने के लिए प्रेम की पढ़ाई

China ने इन समस्याओं से निपटने के लिए युवाओं को शादी और बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित करने के उपायों की शुरुआत की है। ‘प्रेम की पढ़ाई’ का उद्देश्य युवाओं को यह समझाना है कि विवाह और परिवार का निर्माण देश और समाज के लिए महत्वपूर्ण है। हाल ही में एक सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 57 प्रतिशत कॉलेज छात्र अब प्यार और रिश्तों में कम रुचि दिखा रहे हैं। उनका कहना है कि वे पढ़ाई और प्यार के बीच संतुलन बनाने में असमर्थ हैं।

क्या होगा इस योजना में?

चीन की इस योजना के तहत, कॉलेज और विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रम में शादी और लव एजुकेशन को शामिल करने के लिए कहा गया है। मंत्रालय की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 2024 के पहले नौ महीनों में केवल 47.5 लाख जोड़ों ने शादी रजिस्टर्ड की है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 16.6 प्रतिशत कम है। ऐसे में इस शिक्षा का उद्देश्य शादी और बच्चों के बारे में सकारात्मक विचारों को बढ़ावा देना है।

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