Elon Musk work week controversy काम हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है, लेकिन कितना काम सही है, इस पर पूरी दुनिया में बहस चल रही है। कुछ बड़े उद्योगपति मानते हैं कि ज्यादा काम करने से सफलता मिलती है, जबकि कुछ लोग दिमागी और शारीरिक सेहत के लिए सीमित काम को जरूरी बताते हैं। इसी बहस के बीच दुनिया के जाने।माने बिजनेसमैन Elon Musk का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने 120 घंटे काम करने की बात कही। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया।
मस्क ने क्या कहा और क्यों हुआ बवाल
एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर की। इसमें उन्होंने बताया कि उनकी टीम हफ्ते में 120 घंटे तक काम कर रही है, जबकि सरकारी कर्मचारी सिर्फ 40 घंटे काम करते हैं। इस तुलना के बाद लोगों ने मस्क की जमकर आलोचना की।
लोगों का कहना था कि 120 घंटे काम करना न तो सेहत के लिए अच्छा है और न ही इंसान के दिमाग के लिए। कई यूजर्स ने कहा कि मस्क खुद तो अरबपति हैं, लेकिन वह आम लोगों को ज्यादा काम करने की सलाह देकर उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
लंबे वर्किंग ऑवर्स पर बहस क्यों
यह पहली बार नहीं है जब किसी बड़े उद्योगपति ने ज्यादा घंटे काम करने की वकालत की हो। इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति और एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन भी पहले इसी तरह की बात कह चुके हैं। उनका मानना है कि अगर देश को आगे बढ़ाना है, तो लोगों को ज्यादा मेहनत करनी होगी।
लेकिन इसके दूसरी ओर, कई लोग यह भी मानते हैं कि काम और जिंदगी के बीच संतुलन जरूरी है। अगर कोई इंसान हफ्ते में 120 घंटे काम करेगा, तो उसका स्वास्थ्य खराब हो सकता है, स्ट्रेस बढ़ सकता है और निजी जिंदगी पर बुरा असर पड़ सकता है।
मस्क का क्यों हुआ विरोध
एलन मस्क का बयान लोगों को इसलिए पसंद नहीं आया क्योंकि यह सीधे सीधे काम के दबाव को बढ़ाने की बात कर रहा था। कई लोगों ने कहा कि मस्क खुद एक बड़े बिजनेसमैन हैं, उन्हें आम नौकरीपेशा लोगों की परेशानी समझनी चाहिए।
आजकल दुनिया भर में वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर चर्चा हो रही है। कई देशों में हफ्ते में सिर्फ चार दिन काम करने की योजना पर काम हो रहा है, ताकि लोग अपनी जिंदगी को काम से ज्यादा एंजॉय कर सकें। ऐसे में मस्क का यह बयान लोगों को परेशान करने वाला लगा।
सोशल मीडिया पर बहस छिडी
एलन मस्क का बयान आने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कुछ लोग उनके समर्थन में थे, तो कुछ ने उनकी आलोचना की। लेकिन यह साफ है कि काम की सीमाएं तय करना जरूरी है, ताकि लोग सिर्फ पैसा कमाने के लिए नहीं, बल्कि खुश रहने के लिए भी काम करें।