दुनिया की first commercial flight का किराया सुन चौंक जाएंगे ! जानिए केवल 34 किलोमीटर के देने पड़े थे इतने लाख

दुनिया की पहली कमर्शियल पैसेंजर फ्लाइट 1 जनवरी 1914 को अमेरिका में उड़ी थी। यह फ्लाइट 34 किलोमीटर का सफर 23 मिनट में पूरा करती थी और इसका टिकट आज के हिसाब से 6 लाख रुपये से ज्यादा था।

First commercial flight ticket price

First Flight Ticket Price,समय के साथ इंसान ने सफर करने के कई तरीके खोजे, जिनमें से हवाई यात्रा भी एक है। फ्लाइट आज के समय में सबसे तेज़ और सुविधाजनक सफर का साधन बन चुकी है, जो कुछ ही घंटों में हमें हजारों किलोमीटर दूर पहुंचा देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की पहली कमर्शियल पैसेंजर फ्लाइट का किराया कितना था? चलिए आपको इस ऐतिहासिक उड़ान के बारे में बताते हैं।

कब और कहां भरी गई थी पहली फ्लाइट

दुनिया की पहली कमर्शियल पैसेंजर फ्लाइट 1 जनवरी 1914 को उड़ी थी। यह उड़ान अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में दो शहरों सेंट पीटर्सबर्ग और टैम्पा के बीच भरी गई थी। इस ऐतिहासिक उड़ान को सेंट पीटर्सबर्ग टैम्पा एयरबोट लाइन ने संचालित किया था।

कितनी दूरी और कितना समय लगा

इस पहली फ्लाइट ने 34 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 23 मिनट में पूरी कर ली थी। जबकि उस दौर में इस सफर को सड़क या पानी के रास्ते से तय करने में घंटों लग जाते थे। इस फ्लाइट को उड़ाने वाले पायलट थे टोनी जेनस, जिन्होंने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया।

पहली फ्लाइट का टिकट कितना महंगा था

उस समय इस फ्लाइट का टिकट नीलामी के जरिए बेचा गया था। टिकट की कीमत 400 डॉलर रखी गई थी, जो आज के हिसाब से 6 लाख रुपये से ज्यादा होती है। यह रकम उस जमाने में बहुत बड़ी मानी जाती थी और सिर्फ अमीर लोग ही इसे अफोर्ड कर सकते थे।

कैसी थी पहली फ्लाइट?

यह कोई आम हवाई जहाज नहीं था, बल्कि फ्लाइंग बोट थी, जिसका वजन 567 किलोग्राम था। इस विमान को पहले ट्रेन के जरिए सेंट पीटर्सबर्ग भेजा गया था। इसकी लंबाई 8 मीटर और चौड़ाई 13 मीटर थी। सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि इसमें सिर्फ एक ही यात्री बैठ सकता था। यानी, पायलट के साथ सिर्फ एक इंसान ही सफर कर सकता था।

आज जहां फ्लाइट में एक साथ सैकड़ों लोग सफर कर सकते हैं, वहीं 1914 में पहली कमर्शियल फ्लाइट में सिर्फ एक ही यात्री को जगह मिलती थी। उस समय 34 किलोमीटर की फ्लाइट का किराया आज के लाखों रुपये के बराबर था। यह उड़ान हवाई यात्रा के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुई और इसके बाद दुनिया में एविएशन इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ी।

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