Germany Elections 2025: हिटलर के बाद, जर्मनी में फिर लौटा निओ-नाज़ीवाद, क्या होगा जर्मनी का भविष्य?

नई दिल्ली। जर्मनी चुनाव में CDU/CSU गठबंधन को 28.5% वोट मिले, जिससे फ्रेडरिक मर्ज़ चांसलर पद के प्रबल दावेदार बन गए। AfD ने 20% वोट हासिल किए, जबकि SPD को सिर्फ 16.5% वोट मिले, जो उसका सबसे खराब प्रदर्शन रहा।

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Germany Elections 2025: जर्मनी में हुए संसदीय चुनावों के नतीजे सामने आ चुके हैं, और शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक विपक्षी दल क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) और क्रिश्चियन सोशल यूनियन (CSU) गठबंधन को सबसे अधिक 28.5% वोट मिले हैं। इस जीत के साथ फ्रेडरिक मर्ज़ जर्मनी के अगले चांसलर बनने के प्रबल दावेदार बन गए हैं। वहीं, कट्टर दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) ने 20% वोट हासिल किए हैं, जो उसका अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है, लेकिन उसे गठबंधन में शामिल करने से मुख्यधारा की पार्टियों ने इनकार कर दिया है। दूसरी ओर, निवर्तमान चांसलर ओलाफ शोल्ज़ की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD) को मात्र 16.5% वोट मिले, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उसका सबसे खराब प्रदर्शन है। चुनाव में हार स्वीकार करते हुए ओलाफ शोल्ज़ ने फ्रेडरिक मर्ज़ को बधाई दी और कहा कि यह SPD के लिए कड़वा चुनाव परिणाम है।

CDU/CSU गठबंधन सबसे बड़ा, AfD दूसरे स्थान पर

Germany में इस बार के चुनाव ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण रहे, क्योंकि यह तय समय से सात महीने पहले कराए गए थे। चुनाव से पहले ओलाफ शोल्ज़ की गठबंधन सरकार गिर गई थी, जिससे मतदाताओं में सरकार के प्रति असंतोष देखने को मिला।

इस चुनाव में AfD की बढ़ती लोकप्रियता ने जर्मन राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। पार्टी ने इमिग्रेशन और यूरोप विरोधी नीतियों को आधार बनाकर प्रचार किया, जिससे उसे काफी समर्थन मिला। हालांकि, मुख्यधारा की पार्टियां AfD के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार नहीं हैं, जिससे यह सत्ता से बाहर ही रह सकती है।

फ्रेडरिक मर्ज़ की नई सरकार के सामने चुनौतियां

फ्रेडरिक मर्ज़ ने अपनी जीत के बाद कहा कि वह जल्द से जल्द नई सरकार बनाने पर काम करेंगे। लेकिन उनके सामने एक मजबूत गठबंधन बनाने की चुनौती होगी, क्योंकि CDU/CSU को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। संभावित गठबंधन सहयोगियों में ग्रीन्स, FDP, या SPD शामिल हो सकते हैं, लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट सहमति नहीं बनी है।

इसके अलावा, जर्मनी लगातार दूसरे साल आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है। देश में ऊर्जा संकट, बढ़ती महंगाई, और बेरोजगारी जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। फ्रेडरिक मर्ज़ ने वादा किया है कि वह “ऋण ब्रेक” नीति की समीक्षा करेंगे, जिससे सरकार के उधारी लेने की सीमा तय होती है। उनके समर्थकों का मानना है कि इस नीति में बदलाव से देश में निवेश और आर्थिक सुधार को बढ़ावा मिल सकता है

क्या ओलाफ शोल्ज़ कार्यवाहक चांसलर बने रहेंगे?

जब तक नई Germany सरकार का गठन नहीं हो जाता, तब तक ओलाफ शोल्ज़ कार्यवाहक चांसलर के रूप में पद पर बने रह सकते हैं। इस दौरान जर्मनी की विदेश नीति, आर्थिक संकट और इमिग्रेशन संबंधी मुद्दों को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लेने होंगे। शोल्ज़ ने संकेत दिया है कि उनकी पार्टी गठबंधन सहयोगी बनने के लिए तैयार हो सकती है, लेकिन CDU/CSU से उनकी नीतियों पर सहमति बनाना मुश्किल होगा।

डोनाल्ड ट्रंप ने दी बधाई

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्रेडरिक मर्ज़ को बधाई देते हुए कहा कि Germany की जनता ने सही फैसला लिया है। उन्होंने कहा, “CDU/CSU ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, ठीक वैसे ही जैसे अमेरिका में हमने किया। जर्मनी के लोग अब बेवजह की इमिग्रेशन नीतियों से थक चुके हैं। यह जर्मनी और अमेरिका दोनों के लिए एक शानदार दिन है।”

यूरोप और नाटो के लिए क्या मायने रखती है यह जीत?

Germany यूरोपीय संघ का सबसे बड़ा देश और नाटो का एक प्रमुख सदस्य है। यह अमेरिका के बाद यूक्रेन को सबसे ज्यादा सैन्य सहायता देने वाला देश भी रहा है। फ्रेडरिक मर्ज़ के नेतृत्व में नई सरकार की नीतियां यूरोपीय संघ और वैश्विक कूटनीति को प्रभावित कर सकती हैं। मर्ज़ ने रूस के खिलाफ कड़े रुख की बात कही है और नाटो के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने का संकल्प लिया है

Germany चुनावों में CDU/CSU की जीत ने जर्मनी की राजनीति को एक नया मोड़ दिया है। फ्रेडरिक मर्ज़ के नेतृत्व में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी, लेकिन गठबंधन की मुश्किलें बनी रहेंगी। दूसरी ओर, AfD के उभरने से देश में दक्षिणपंथी राजनीति के बढ़ते प्रभाव पर नई बहस शुरू हो गई है। अब देखना होगा कि फ्रेडरिक मर्ज़ किस प्रकार गठबंधन बनाते हैं और जर्मनी को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए क्या कदम उठाते हैं

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