भारत गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को लगातार मदद पहुंचा रहा है। श्रीलंका को फ्यूल क्राइसिस से निपटने के लिए भारत ने क्रेडिट लाइन के तहत दूसरी बार डीजल और पेट्रोल सप्लाई किया है। जहां पिछले दो दिनों में भारत से 36 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल और 40 हजार मीट्रिक टन डीजल श्रीलंका पहुंचा। श्रीलंका को अब तक भारत ने 2.70 लाख मीट्रिक टन से अधिक फ्यूल भेज चुका है। इसके साथ ही भारत ने श्रीलंका की डूबती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए 1 बिलियन अमरीकी डॉलर का कर्ज देने का भी ऐलान किया है। वहीं श्रीलंका में जरूरी दवाइयों की भी कमी हो गई है। इसको देखते हुए भारत ने पड़ोसी देश को दवाइयां भी भेजी हैं। भारत अधिकतर दवाएं लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत भेज रहा है।
हालांकि, इस बीच आर्थिक संकट से जुझ रहे श्रीलंका में राजपक्षे सरकार के खिलाफ गुस्सा भी लोगों में बढ़ता जा रहा है। जहां हजारों लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने चीन को सबकुछ बेच दिया है। इसलिए सरकार के पास पैसा नहीं है। जबकि, विपक्षी दल भी सरकार के विरोध में सामने आए हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि देश को बर्बाद करने से राजपक्षे सरकार को रोकना होगा।
इन सब के बीच श्रीलंका सरकार ने दवाइयों के लिए भारत को शुक्रिया कहा है। श्रीलंका में फिलहाल हालात ऐसे हैं कि वहां लोग खाने-पीने की चीजों से लेकर दवाइयों तक के लिए परेशान हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका 1948 के बाद सबसे बड़ा इकोनॉमिक क्राइसिस के दौर से गुजर रहा है।
बता दें कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में COVID महामारी की शुरुआत के बाद से लगातार गिरावट आई है। जिससे 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को भोजन और दवाइयों की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। इसके चलते इकोनॉमी बिगड़ने के साथ ही डॉलर के मुकाबले श्रीलंकाई रुपए की कीमत में तेजी से गिरावट आई है और उस पर विदेशी कर्ज लगातार बढ़ रहा है।