Iran-Israel War : ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध में अब हाइपरसोनिक मिसाइलें भी शामिल हो गई हैं। इस संघर्ष ने मिडिल ईस्ट के कई देशों को अप्रत्यक्ष रूप से खतरे में डाल दिया है। ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग अब पूरी तरह युद्ध का रूप ले चुकी है। पिछले दिनों में दोनों देशों ने एक-दूसरे पर भारी मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं। अब इस लड़ाई में हाइपरसोनिक मिसाइलों की भी एंट्री हो चुकी है, जिनसे भारी तबाही मची है। खासकर इजरायल के दो अहम शहर – हाइफा और तेल अवीव – को इन हमलों में गंभीर नुकसान हुआ है।
अमेरिका की चेतावनी और ईरान की चुनौती
इस तनावपूर्ण माहौल में अमेरिका भी खुलकर सामने आ गया है। उसने ईरान को आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी है, लेकिन ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस चेतावनी को साफ तौर पर ठुकरा दिया। खामेनेई के इनकार के बाद ईरान ने इजरायल पर और भी ज़्यादा ताकतवर हमले किए, जिससे हालात और बिगड़ गए।
किस रास्ते से उड़ रहीं मिसाइलें?
ईरान और इजरायल की भूगोलिक स्थिति कुछ ऐसी है कि दोनों देशों की सीधी सीमा नहीं मिलती। इनकी आपसी दूरी लगभग 1300 से 1500 किलोमीटर है। ऐसे में जब दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइल या ड्रोन से हमला करते हैं, तो उन्हें कई दूसरे देशों के हवाई क्षेत्र (Airspace) का सहारा लेना पड़ता है। इन रास्तों में शामिल हैं।इराक, सीरिया, जॉर्डन और लेबनान। इन देशों के ऊपर से होकर ही मिसाइलें उड़ती हैं और लक्ष्य तक पहुंचती हैं।
कितनी देर में पहुंच जाती है मिसाइल?
ईरान अब तक करीब 370 बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल पर दाग चुका है।
अगर मैक-5 की रफ्तार वाली मिसाइल दागी जाती है, तो उसे इजरायल तक पहुंचने में सिर्फ 12 मिनट लगते हैं। कुछ मिसाइलें इससे भी तेज होती हैं, जो 6 से 7 मिनट में निशाना भेद देती हैं। इसका मतलब है कि हमला होते ही किसी शहर को अलर्ट करने का वक्त बहुत ही कम होता है।
आसमान में दिख रहा डरावना नजारा
इस युद्ध के बीच कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें मिसाइलें आसमान को चीरती हुई साफ नजर आती हैं। कुछ मिसाइलें हवा में गोल-गोल घूमती दिखाई देती हैं, जिन्हें देखकर ‘जेलीफिश इफेक्ट’ जैसा दृश्य बनता है। ये नजारा तब बनता है जब रॉकेट या मिसाइलें तेजी से गति पकड़ती हैं और उनके पीछे रोशनी की लहरें बन जाती हैं। जैसे आसमान में कोई मछली तैर रही हो।