Israel Gaza attack: इजरायल ने गाजा पट्टी पर एक बार फिर भीषण हमला किया है, जिसमें कम से कम 235 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। हमले के बाद गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जनवरी में युद्धविराम के प्रभावी होने के बाद से यह अब तक का सबसे भीषण हमला है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बताया कि शांति वार्ता में प्रगति न होने के कारण इस हमले का आदेश दिया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति के (Israel Gaza) आधिकारिक कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने भी इस हमले का समर्थन करते हुए कहा कि हमास को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
नेतन्याहू का बयान और अमेरिकी समर्थन
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि युद्धविराम को बढ़ाने के लिए हो रही वार्ता में कोई खास प्रगति नहीं हुई, जिसके चलते हमास के ठिकानों पर हवाई हमले किए गए। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने बयान जारी कर कहा कि हमास के पास युद्धविराम बढ़ाने के लिए बंधकों को रिहा करने का मौका था, लेकिन उसने इनकार कर दिया और युद्ध का रास्ता चुना।
अमेरिका के साथ मिस्र और कतर ने भी हमास से बंधकों को रिहा करने की अपील की थी। अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने चेतावनी दी थी कि अगर बंधकों को जल्द रिहा नहीं किया गया तो हमास को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
हमास का पलटवार और गाजा में तबाही
हमास ने इजरायल पर संघर्षविराम समझौते को तोड़ने का (Israel Gaza) आरोप लगाते हुए कहा कि इस हमले से बंधकों के जीवन को खतरा बढ़ गया है। संगठन ने आरोप लगाया कि नेतन्याहू ने राजनीतिक लाभ के लिए इस हमले का आदेश दिया है।
गाजा पट्टी के दीर अल-बलाह और खान यूनिस शहर में हवाई हमलों के बाद धुएं के गुबार देखे गए। एंबुलेंस घायलों को नासिर अस्पताल ले जाती दिखी, जहां कई मरीज फर्श पर तड़पते नजर आए। एक छोटे बच्चे के सिर पर पट्टी बंधी हुई थी, जबकि एक लड़की हाथ की गंभीर चोट के कारण दर्द से कराह रही थी।
आगे की स्थिति और बढ़ता तनाव
इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने चेतावनी दी है कि अगर बंधकों को रिहा नहीं किया गया तो गाजा में हालात और बदतर होंगे। उन्होंने कहा, “हम तब तक लड़ाई नहीं रोकेंगे जब तक हमारे सभी बंधक घर नहीं पहुंच जाते।”
विश्लेषकों का मानना है कि इस (Israel Gaza) ताजा हमले से 17 महीने से जारी संघर्षविराम का अंत हो सकता है। गाजा के नागरिक एक बार फिर दहशत में जी रहे हैं और संघर्षविराम की उम्मीदें धूमिल हो चुकी हैं।
इस भीषण हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता जताई है और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए ऐसा लगता है कि निकट भविष्य में शांति बहाल होना कठिन है।